मोदी राज में सहकारी संघवाद संकट में

नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी के राज में सहकारी संघवाद संकट में है। समाचार चैनल ‘आज तक’ के खुले मंच पर उन्होंने नीति आयोग की भूमिका को लेकर सवाल खड़ा किया और दावा किया कि गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों को केंद्र की राशि पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

रावत ने कहा, “मोदी सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्रीय योजनाओं के तहत धन देना बंद कर दिया है। पहले राज्यों को उनके मुद्दे उठाने के लिए योजना आयोग एक मंच था, लेकिन अब हमारे पास नीति आयोग है। वास्तव में मैं नहीं जानता कि नीति आयोग की क्या भूमिका है। क्या नीति आयोग की कोई भूमिका है?.. कुछ नहीं।”

नोटबंदी के बारे में रावत ने कहा कि बगैर किसी तैयारी के इसे लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “शुरू में मैंने इस पहल का समर्थन किया था, आतंकवाद, भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह के कदम का हमेशा समर्थन किया जाना चाहिए। लेकिन लोगों की परेशानियों को देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिना किसी तैयारी के इसे लागू किया गया है।”

उन्होंने नोटबंदी का विरोध करने वाले विपक्षी दलों पर प्रहार किए जाने, उन्हें भ्रष्ट और देशद्रोही तक कहे जाने को लेकर भी भाजपा और मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया।

रावत ने कहा, “मोदी राज में कहा जाता है कि अगर आप इस सरकार का विरोध करते हैं, तब आप राष्ट्र विरोधी हैं। अगर आप नोटबंदी का विरोध करते हैं तो वे कहते हैं कि आपने कालाधन जमा कर रखा है।”

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “लोकतंत्र में सवाल खड़ा करना विपक्ष का अधिकार है। आप विरोध को राष्ट्रवाद से जोड़कर नहीं देख सकते। यह स्वीकार्य नहीं है।”

अपनी पार्टी के नेतृत्व को लेकर रावत ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास आने वाले कई वर्षो तक दल का नेतृत्व करने की क्षमता है।

उन्होंने आगे कहा, “राहुल एक तेजी से सीखने वाले व्यक्ति रहे हैं और उम्र उनके पक्ष में है। उनमें टकराने और चुनैतियों का सामना करने की क्षमता है। वह उन लोगों से दूर नहीं भागते हैं। उनमें कई वर्षो तक पार्टी के नेतृत्व करने की योग्यता है।”

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