सर्वे : माया-अखिलेश में होगी कड़ी टक्‍कर, भाजपा को मिलेगा सवर्णों का पूरा साथ !  

सर्वेलखनऊ। अगर सर्वे की माने तो अगले वर्ष उत्‍तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजे अब तक के सभी नतीजों से अलग किस्‍म के हो सकते हैं। यूपी में मुख्‍य लड़ाई सपा, बसपा और भाजपा के बीच है तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है। प्रदेश में 2007 और 2012 में बसपा और सपा को मिला पूर्ण बहुमत इस बार टूटता नजर आ रहा है। इस बार के विधानसभा के नतीजे त्रिशंकु बहुमत की ओर इशारा कर रहे हैं।

एबीपी न्‍यूज चैनल की ओर से कराए गए ओपिनियन पोल में सामने आया है कि यूपी में समाजवादी पार्टी, भाजपा और बसपा में कड़ा मुकाबला है। इस सर्वे के अनुसार कांग्रेस राज्‍य में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन की ओर जा सकती है। यह सर्वे लोकनीति-सीएसडीएस ने किया है। सर्वे के अनुसार मुस्लिम मत सपा तो दलित मायावती के साथ हैं। अपर कास्‍ट भाजपा का दामन थाम सकता है। वहीं मुख्‍यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव और मायावती लोगों की पहली पसंद हैं। दोनों को 24-24 प्रतिशत लोग पसंद करते है।

सर्वे के अनुसार उत्‍तर प्रदेश में 55 प्रतिशत सवर्ण वोट भाजपा को जा सकते हैं। बसपा के साथ 9 तो सपा को 15 फीसदी सवर्ण वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को केवल 5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। गैर यादव ओबीसी वोटों के मामले में भी भाजपा का पलड़ा भारी है। यहां से 38 प्रतिशत लोग भाजपा, 19 प्रतिशत सपा और 23 प्रतिश बसपा के साथ जा सकते हैं। हालांकि मुसलमान सपा के साथ खड़े दिख रहे हैं। 62 फीसदी मुस्लिम वोटर सपा को वोट कर सकते हैं। यहां पर भाजपा काफी पीछे छूट सकती है और उसके पक्ष में केवल चार प्रतिशत मुस्लिम वोट आ सकते हैं। दलितों की बात करें तो वे बसपा का चुनाव कर सकते हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा और तीसरे पर बसपा रह सकती है।

सर्वे के अनुसार 420 सदस्‍यीय यूपी विधानसभा में सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उसे 141 से 151 सीट मिल सकती है। भाजपा को 124 से 134, बसपा को 103 से 113 सीटें मिल सकती है। कांग्रेस केवल 8 से 14 सीट पर सिमट सकती है। क्षेत्रवार सीटें मिलने के सर्वे में भाजपा पूर्वी और पश्चिमी यूपी में आगे रहेगी। वहीं रोहिलखंड में सपा आगे रह सकती है। अवध में सपा और बसपा में कड़ी लड़ाई है। बुंदेलखंड में सभी पार्टियां लड़ाई में हैं।

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