सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं लिखना ज़रूरी, निगरानी के लिए बनेंगे तीन पर्चे

सरकारी अस्पतालोंदेहरादून। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक जेनेरिक दवाओं के अलावा अन्य दवा नहीं लिख पाएंगे। इस मामले में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब सरकारी अस्पताल के डाक्टरों के लिए सिर्फ जेनेरिक दवाओं का परामर्श देने की व्यवस्था को से लागू किया जा रहा है। जिसके तहत अब तीन पर्चे बनेंगे। एक पर्चा रोगी के पास रहेगा और इसकी दूसरी प्रति औषधि वितरण केंद्र में जमा होगी। तीसरा अभिलेख के रूप में अस्पताल में जमा कर रखा जाएगा। जिनका नियमित ऑडिट कराया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत किसी प्रकरण में ब्रांडेड दवा दिया जाना आवश्यक है तो संबंधित डॉक्टर सीनियर डॉक्टर से परामर्श लेगा। अस्पताल के अधीक्षक द्वारा रोगी पर्चे से संबंधित पुस्तिका जारी की जाएगी। जब यह पुस्तिका भर जाएगी तभी ओपीडी डॉक्टर को दूसरी पुस्तिका जारी की जाएगी। इनका चिकित्सक वार आडिट किया जाएगा।

सभी जिलों से आडिट पत्र महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भेजा जाएगा। संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी की वार्षिक प्रविष्टि के समय ने आडिट पत्रों का संज्ञान लिया जाएगा।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत ने बताया कि इस विषय में अस्पतालों को निर्देश दिए जा चुके हैं। किसी अपरिहार्य स्थिति में ब्रांडेड दवा का इस्तेमाल होता है तो भी उस सब का ब्योरा रखना अनिवार्य कर दिया गया है।

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