Video : मुलायम, मुसलमान और मलिक से बिगड़ी चाचा-भतीजे में सुलह की कोशिश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में अब सब कुछ बिगड़ गया है। सोमवार को सीएम अखिलेश यादव और सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की तकरार धक्का-मुक्की में बदल गई। समाजवादियों में ऐसी जंग पहली बार देखने को मिली। एक तरफ सीएम अखिलेश यादव ने अमर सिंह पर निशाना साधा। दूसरी तरफ शिवपाल यादव ने गंगा की कसम खाकर कहा कि सीएम नया दल बनाने वाले थे।
यह सब होने के बाद एक ऐसा पल भी आया, जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के कहने पर चाचा-भतीजे गले मिले, और अखिलेश ने शिवपाल के पैर भी छुए। लेकिन तभी मुलायम ने कुछ ऐसा कहा कि न रिश्तों का लाज रखा गया, न पार्टी का।
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर हुई इस बैठक में पूरा कुनबा मौजूद था। डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद मुलायम ने चाचा-भतीजे को गले मिला दिया था। इसके बाद अचानक ही मुलायम ने अखिलेश की दुखती नब्ज पर हाथ रख दिया। उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों ने उन्हें चिट्ठी लिखी है। इसमें लिखा है कि आपका बेटा नहीं चाहता कि मुसलमान पार्टी के साथ रहें।’
बस, यह सुनकर अखिलेश आगबबूला हो गए। उन्होंने माइक पकड़ लिया और सीधे कहा, ‘चिट्ठी सार्वजनिक करिए। यह साजिश है। अमर सिंह साजिश कर रहे हैं, आशु मलिक सब जानता है। आशु को बुलाकर पूछिए, कौन ये कर रहा है।’ तभी अचानक शिवपाल मंच पर आ गए और उन्होंने माइक अखिलेश से छीन लिया। कहा कि अमर सिंह ऐसा नहीं कर सकते।
#WATCH Earlier Visuals: Heated argument between CM Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav during Samajwadi Party meeting in Lucknow pic.twitter.com/nzMLQPK3A3
— ANI UP (@ANINewsUP) October 24, 2016
सबके सामने अखिलेश और शिवपाल में धक्का मुक्की हो गई। आशु मलिक भी मंच पर थे। वह सीएम अखिलेश के पास गए, कंधे पर हाथ रखा। लेकिन यह हाथ उन पर ही भारी पड़ गया। मंच के सामने समाजवादियों के चेहरे पर आशु के लिए आग थी। इसकी गर्मी भांपते ही मुख्यमंत्री ने खुद आशु को अपनी सिक्योरिटी में गाड़ी तक भिजवाया। इसके बाद जो हुआ, उसे दुनिया ने देखा।
पिछले कुछ बरसों में आशु वेस्ट यूपी के एक अहम मुस्लिम फेस के तौर पर उभरे हैं। 2014 में पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया। आशू मुलायम के करीबी माने जाते हैं, लेकिन वह आजम खां को खटकते रहे हैं। हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों को जब आजम खान न्याय के लिए धरना देने का सुझाव दे रहे थे तो आशु मलिक ने ही मोर्चा संभाला और पीड़ितों को ले जाकर सीएम से मिलवाया। उन्हें 5-5 लाख का मुआवजा दिलवाया। आशु को अमर की वापसी के बाद उनके कैंप में गिना जाने लगा था।
बात तब बिगड़ी जब एक अखबार ने सीएम को औरंगजेब और मुलायम को जहांगीर के तौर आशू मलिक का हवाला देकर पेश किया था। सीएम ने इस मुद्दे को गांठ बांध लिया। रही-सही कसर समाजवादी पार्टी के इधर-उधर होते खतों ने पूरी कर दी।