तीनों लोकों में सबसे सुंदर थी यह स्‍त्री, इंद्र ने भी पाने की लालसा में किया था घिनौना छल

छलनई दिल्‍ली। देवताओं के छल से हिंदू धर्म के सभी अनुयायी पूरी तरह अवगत हैं। आप सभी जानते हैं कि स्‍वर्ग में कभी भी सुंदर स्‍त्रियों की कमी नहीं थी। ब्रह्मा जी की पुत्री अहल्‍या को यह वरदान प्राप्‍त था कि वह सदा ही 16 वर्ष की आयु की काया में नज़र आएंगी। फिर ब्रह्मा जी ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसे गौतम ऋषि ने जीता और अहल्‍या को पत्‍नी के रूप में प्राप्‍त किया।

ऐसा सुनकर इन्‍द्र ने छल से अहल्‍या को पाने का प्रयास करते हुए चंद्रमा की सहायता ली। योजना बनाई कि जब ऋषि गौतम प्रातं ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्‍नान को जाते हैं, उस समय वो अहल्‍या को पा लेंगे। अहल्‍या को पाने की लालसा में इंद्र ने योजना अनुसार समय से पहले भोर कर दिया।

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चक्रव्‍यूह के अनुसार गौतम ऋषि प्रात: काल का समय जानकर गंगा स्‍नान को चल दिए। उसी समय इंद्र ने झट से गौतम ऋषि का रूप धर अहल्‍या को पाने पहुंच गए। लेकिन अहल्‍या ने झट से इंद्र को पहचान लिया और कहा यदि मेरे पति हो तो आश्रम में आ जाओ।

इंद्र की छल की लालसा को देख अहल्‍या को क्रोध आ गया और उन्‍होंने इंद्र को कोढ़ का श्राप दे दिया। दूसरी तरफ ऋषि भी छल जानकर वापस हो लिए। लेकिन उन्‍हें इतना क्रोध आया कि उन्‍होंने कोई भी बात जाने बिना ही अहल्‍या को शिला में बदलने का श्राप और चन्‍द्रमा को दाग और ग्रहण लगने का श्राप दे दिया।

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