भगवान शनिदेव को खुश करने के उपाय और लाभ

शनि ग्रह भगवान शनिदेव को दर्शाता है और भारतीय ज्योतिष में नवग्रह के नाम से जाने वाले सभी स्वर्गीय देवताओं में से एक है। पुराणों में भी उनका जिक्र मिलता है कि वह एक नर देवता है, जिसकी प्रतिमा के रूप में गहरे काले (रंग ) के होते हैं, जो कि तलवार या किसी अन्य अस्त्र के रूप में आते हैं और एक कौआ पर बैठे हैं।

शनिदेव

शनी देव भगवान का रंग काला होता है और यह वर्ण देवता और भगवान सूर्य देव (सूर्य देवता) से पैदा हुए है।

शनीदेव की कहानी काफी दिलचस्प है और उनकी अतुलनीय शक्तियों और गुणों का खुलासा करती है।. इसलिए शनि को सूर्य और यम का पुत्र कहा जाता है।

हिन्दू परंपरा मे भगवान शनिदेव दंड के अधिकारी माने गए है| असल मे अगर बात करे भगवान शनिदेव का चरित्र कर्म कांड और सत्य के ऊपर आधारित है ,अगर शनिदेव आपसे प्रसन्न नहीं है और आप उनको प्रसन्न कंरना चाहते हो तो इसके लिए बहुत ही सरल और उत्तम उपाय है।शनिवार का व्रत और शनिवार का पूजन किसी भी शनिवार के दिन शुरु किया जा सकता है ,इसका पालन करने के लिए आपको प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना होगा उसके बाद शनिदेव की पूजा करनी चाहिए शनिवार कि पूजा पाठ बहुत ही शुभ मानी गयी है। ह दुःख कलह क्लेश और साथ ही असफलता से दूर लाती है।आपको किैसी भी प्रकार के शनिदोश से मुक्ति मिल सकती है,

शनिदेव
शनिदेव को खुश करने के उपाय

1.अगर आप वास्तव मे शनिदेव को ख़ुश करना चाहते हो तो रात को काले चने भिगोए। शनिवार को काले चने , जला हुआ कोयला व् हल्दी और लोहे का टुकड़ा ले और एक काले कपडे मे एक साथ बांध लें। उसके बाद उस पोटली को बहते हुए पानी मे फैक दे जिसमे कि मछलियां हो इस कार्य को लगातार एक साल तक दोहराहे जिससे कि शनि का प्रभाव कम हो जाये।

2.घोड़े की नाल को किसी लुहार से अंगूठी की तरह बनवा लो शुक्रवार को इसको कच्चे दूध या साफ़ पानी मे डूबा दे उसके बाद उसको शनिवार को उस अंगूठी को धारण कर ले और तुरंत अपने हाथ मे पहन ले और फिर उसके परिणाम देखिये।

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3. शनिदेव को सरसो का तेल बहुत पसंद हैं । शनिदेव को ख़ुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे उसकी पूजा करनी चाहिए और उस पर तेल चढ़ाना चाहिए क्योकि यह माना गया है कि सूर्योदय के पूर्वे पीपल के पेड़ की पूजा करे और दीपक अवश्य जलाये साढ़ेसाती से बचने के लिए इस दिन व्यक्ति को उपवास रखना चाहिए ध्यान रहे कि खाना नमकविहीन होना चाहिए जिससे की प्रकोप से बचा रह सके।

4.शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक जलाना चाहिए, उसके बाद उसके सात चककर लगने चाहिए इस पूजा के बाद किसी काले कुत्ते को 7 लड्डू खिला दे जिससे भगवन शनिदेव खुश होते है ,और अच्छे परिणाम मिलते है।

भगवान शनिदेव को न्याय व् कर्मा का देवता कहा जाता है। ऐसा बोला जाता है कि वह सबके कर्मो का फल देते है। कोई भी बुरा काम उनसे छिपता नहीं है। शनिदेव हर अच्छे- बुरे कर्मो का लेखाजोखा रखते है।
शनिदेव की पूजा के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है खासकर ऐसे लोग जो शनि कि साड़ेसाती से परेशान है , ऐसे लोगो को शनि कि पूजा पूरे विधान से करनी चाहिए ।आज हम आपको कुछ बातें बता रहे है जिन्हे पूजा करने से पहले ध्यान मे रखना चाहिए।

1. शनिवार को पीपल के पेड़ पर शनिदेव के मूर्ति के पास तेल चढ़ाये व् उसके बाद उस तेल को गरीबो मे दान कर दे।
2.शनिवार को शनिदेव को तेल चढ़ाये साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि तेल इधर उधर न गिरे। तेल को सावधानी से चढ़ाये

शनिदेव की पूजा के लाभ

जैसा कि हम जानते है कि एक आदर्श दंडाधिकारी कि नज़र मे सब लोग बराबर होते है।इसीलिए शनिदेव को अपना मित्र समझे ना कि क्रूर ,भगवान शनिदेव को खुश कर अपनी परेशानी को कम कर सकते है उनके पिता सूर्यदेव को शनि कि महादशा के कारण भगवान हनुमान जी का भोजन बनना पड़ा वही माँ पार्वती के सती होने का कारण भी इसी का हिस्सा है इसके साथ ही उनके गुरु भी फांसी चढ़ने से बचे।

शनिदेव की पूजा कैसे करनी चाहिए

भगवान शनिदेव को एक श्राप है जिस किसी को वो सीधी नज़रो से देख लगे उसका अनिष्ट होना तय है।इसीलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर कभी भी शनिदेव की मूर्ति भूलकर भी स्थापित नहीं करनी चाहिए ।

शनिदेव की पूजा सामान्य रूप से ही होनी चाहिए। शनिवार को नीले या काले वस्त्र दान करे। लेकिन शनिवार के दिन शनि महाराज की पूजा विशेष रूप से होनी चाहिए ।

शनिवार को पूजा करने के लिए सबसे पहले संकल्प जरूर ले । सबसे पहले नहा धो ले और काले कपडे धारण करे । इस दिन सरसो के तेल से दिया जला कर शनिदेव को अर्पित करे उसके बाद काली उदड़ या फिर कोई भी काली वास्तु अवस्य भेंट करे।

इसके बाद शनि गायत्री मंत्र या श्री हनुमान चालीसा का जाप करे , पुराणों मे एकमात्र शनि चालीसा शनिदेव को खुश करने का आसान तरीका है।सबसे पहले कुछ समय तक ध्यान लगाइये फिर हनुमान जी की पूजा करे फिर उसके बाद हनुमान जी को सिंदूर और केला अर्पित करे।
शनिदेव महाराज की पूजा मे दान का विशेष महत्व है ,शनिवार के दिन काले वस्त्र व् अन्न आदि का दान कर देना चाहिए।

शनिवार की रात को कुछ खाकर आप अपना व्रत खोल सकते हो जैसे तिल मिश्रित काले उदड़ की दाल से बनी खिचड़ी बना कर खा सकते हो या फिर कोई भी शाकाहारी खाना भी खा सकते हो।

शनिदेव की पूजा करने के लिए एक बहुत ही प्रभावशाली बीज मंत्र है -ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ या फिर आप इस सामान्य मंत्र का जाप कर सकते है मंत्र – ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’।

अगर आपकी कुंडली मे शनि की महा दशा नहीं चल रही है फिर भी आप चाहे तो शनिदेव की पूजा कर सकते है शनिदेव की क्रूर पीड़ा से बचने का एक आसान तरीका है अपना आचरण अच्छा रखे।

 

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