साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो शनिदेव के इस मंत्र से कष्‍ट हो जाएंगे छूमंतर

शनिदेवकुछ ढोंगी पंडितों और ज्‍योतिषियों ने अपने स्‍वार्थ के लिए शनिदेव के नाम को इतना डरावना बना दिया है कि साढ़ेसाती या ढैय्या का नाम आते ही लोग असहज हो जाते हैं। ये दो ऐसे शब्‍द हैं जो एक शेरदिल इंसान को भी बीमार बना देते हैं, बस इतना कहने की आवश्‍यकता है कि उसके ऊपर शनि की महादशा चल रही है। जबकि सच यह नहीं है।

सच तो यह है कि शनि की महादशा इंसान के अंदर बुझे हुए दीपक अर्थात उद्देश्‍य को फिर से प्रदीप्‍त करने के लिए होती है। वह उद्देश्‍य जिसे इंसान खुद तय करता है लेकिन किन्‍ही कारणों से उस तक पहुंच नहीं पाता। कारण कोई भी हो सकते हैं, मसलन- परिवारिक जिम्‍मेदारियां, धन की कमी, धोखे मिलने के कारण या फिर उन उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने का उचित प्रयास ही न किया गया हो।

ध्‍यान रखिए ईश्‍वर का एक प्रतिनिधि जिसे हम लोग समय कहते हैं हर वक्‍त, हर मुकाम, हर कूचे, हर क्षण हमारे साथ मौजूद होता है। हम जब भी किसी चीज या वस्‍तु या उद्देश्‍य की कल्‍पना करते हैं, कुछ सोचते हैं तो उनमें जो कल्‍पनाएं शुद्ध चित्‍त से की जातीं हैं, समय उन्‍हे स्‍वीकार कर लेता है। फिर प्रक्रिया शुरू होती है हमारे उस मंजिल को पाने की।

समय हमारे उद्देश्‍य से ईश्‍वर को परिचित करवाता है और ईश्‍वर सिर्फ देना जानता है। वह कभी किसी से कुछ लेता नहीं। वह अपने शत्रुओं से भी उतना ही प्रेम करता है जितना कि अपने भक्‍तों से प्‍यार करता है।

ईश्‍वर ने हमारे उस उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए शनिदेव को चुना है। शनिदेव कुछ परिक्षाएं लेकर हमें रास्‍ता दिखातें हैं। आप को यकीन न हो तो अपने आस पास को उस धनी व्‍यक्ति का कभी साक्षात्‍कार कीजिए जिसे आज आप बहुत सुखी मानते हैं। कभी उससे पूछिए कि क्‍या उसने कोई कष्‍ट नहीं उठाया। आपको सारी हकीकत मालूम चल जाएगी। उसे भी शनिदेव ने ही रास्‍ता दिखाया तभी आज वह यहां तक पहुंचा है। इसलिए शनिदेव की महादशा को हौव्‍वा न मानें बल्कि अगर कोई आपसे कहे कि आप पर साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है या चलने वाली है तो उसे एक चुनौती की तरह माने और यह भी मान लें कि बहुत चल आपको आपकी मंजिल मिलने वाली है।

अगर आप पर शनिदेव की महादशा चल रही है तो हम आपको शनिवार को किए जाने वाले कुछ उपाय बता रहे हैं, ज्‍योतिषियों के मुताबिक इन उपायों से कष्‍ट दूर होते हैं और जीवन के उद्देश्‍य को पूर्ण करने की प्रेरणा और बल मिलता है।

शनिदेव को प्रसन्‍न करने वाले महाउपाय

एक कटोरी में शनिवार को तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें, इसके बाद इस तेल का दान किसी जरुरतमंद व्यक्ति को करें।

अपने घर, व्यापार वाली जगह पर गोमूत्र के छिड़काव, दक्षिणव्रती शंख में डाल कर करेंं। इससे बुरी नजर दोष और टोना-टोटका का प्रभाव बहुत हद तक खत्म हो जाता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के मंत्र

1 सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः

मंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः

2 नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।

छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

3 ओम शं शनैश्चराय नमः।

4 ओम शं शनैश्चराय नमः।

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।

कण्टकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।

शं शनैश्चराय नमः।

5 ओम शं शनैश्चराय नमः।

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।

सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः।।

ओम शं शनैश्चराय नमः।

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