विरोध के बाद सरकार का यू-टर्न, अब बढ़े हुए नहीं पुराने ही रेट पर होगा इलाज

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना अब मंहगा होता जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों में आक्रोश है। जिसके विरोध में प्रदेश सरकार ने यूजर चार्ज की नई दरों पर रोक लगा दी है। फैसले को फिर से बहाल करते हुए यू- टर्न लिया और पुराने रेट लगने शुरू हो गए।

सरकारी अस्पतालों

अब सरकारी अस्पतालों में नौ साल पहले निर्धारित यूजर चार्ज की दरों पर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। पुरानी दरें बहाल होने से गैर आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकारी अस्पतालों में महंगे इलाज से राहत मिली है।

मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी अस्पतालों में यूजर चार्ज की दरें बढ़ाने को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद शासन ने 17 सितंबर 2019 को शासनादेश जारी कर नई दरों को लागू कर दिया था। प्रदेशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू होने से सरकार ने भी यूजर चार्ज के फैसले पर यू-टर्न लिया। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूजर चार्ज की नई दरों को लागू करने के शासनादेश पर रोक लगाकर पुरानी दरों को बहाल करने के आदेश दिए हैं।

इस पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडेय ने भी इस संबंध में सभी सरकारी अस्पतालों को वर्ष 2010 में निर्धारित यूजर चार्ज की दरों पर मरीजों का इलाज करने के आदेश जारी किए हैं।

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अस्पतालों में यूजर चार्ज की पुरानी दरें बहाल होने से गैर आयुष्मान कार्ड धारकों और राज्य से बाहर के लोगों को महंगे इलाज से राहत मिली है। अब आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड धारक, गैर आयुष्मान कार्ड और बाहरी राज्यों के लोगों को एक समान दरों पर सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी।

पंचायत चुनाव में बन सकता था मुद्दा
सरकारी अस्पतालों में महंगा इलाज करने को विपक्ष समेत कई संगठन मुद्दा बना रहे थे। प्रदेश में पंचायत चुनाव होने से सरकार भी विरोध प्रदर्शन से असहज स्थिति में थी। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव में विरोध को देखते हुए सरकार ने यूजर चार्ज की नई दरों के शासनादेश पर रोक लगाकर पुरानी दरों को बहाल किया है।

 

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