लापरवाही के कारण बंद हुई पहाड़ों की जीवनदायनी कही जाने वाली 108 सेवा
अर्जुन सिंह रावत
पिथौड़ागढ़। पहाड़ों पर स्वाथ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिये 2008 मे भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी ने 108 जीवनदायनी आपातकालीन निःशुल्क सेवा प्रारंभ की थी, लेकिन दूसरों को जीवन देने के लिए प्रारंभ की गई 108 आपातकालीन सेवा खुद के इलाज को मोहताज हो गई है। जिसके कारण इसके बंद होने की नौबत हो आ चुकी है।
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उत्तराखंड में 2008 को बाद से कई सरकारे आई, लेकिन सरकारों की लापरवाही के चलते वर्तमान समय में 108 में लगे वाहनों की हालत बहुत दयनीय हो गई है। राज्य सरकार से जीवी कंपनी को धनराशी न देने से जिले के सभी 108 वाहन बन्द चल रहे है। कंपनी के पास 108 वाहनों में ईधन के लिये भी पैसे नहीं है, ऐसे में 108 सेवा के सभी वाहन पिछले 12 दिनों से बन्द पड़े हैं। इतना ही नहीं पिछले तीन महीनों से 108 कर्मचारियों का वेतन भी नहीं मिला है।