40 साल से राष्ट्रपति भवन में गुफा बना के रहता था शख्स, किसी को नहीं थी खबर

राष्‍ट्रपति भवननई दिल्‍ली। दिल्‍ली पुलिस के हाथ-पांव शनिवार की रात उस वक्‍त फूल गए जब यह सूचना मिली कि एक संदिग्‍ध आदमी राष्‍ट्रपति भवन के बॉडीगार्ड लाइन्स में पत्थर की दीवार को फांदने की कोशिश कर रहा है। किसी आतंकी हमले की आशंका से पुलिस ने तुरंत एक टीम तैयार की और जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। कड़ी मशक्‍त के बाद पुलिस ने गाज़ी नूरल हसन नाम के व्‍यक्ति को पकड़ लिया, जिसे पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

पुलिस जांच में जब 68 साल के इस शख्‍स से पूछताछ की गई तो वे ये जानकर वो हैरान रह गए कि वह पिछले 40 सालों से राष्‍ट्रपति भवन के तुगलक काल के स्मारकों के नीचे एक मैली से गुफा में रहता है, जिसे उसने खुद खोदा था। हसन वहां अपने 22 साल के बेटे मोहम्मद नूर के साथ रहता है। पिछले 20 साल से उसके पास वोटर आईडी, पासपोर्ट, वैध इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन है। इन सभी कागजात  में पता मज़ार का लिखा हुआ था। हसन का कहना है कि इस सब का कार्यवाहक वही था।

अपनी पिछली जिंदगी के बारे में पूछने पर हसन ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह धार्मिक गुरु और उर्दू लेखक था और बाद में वह राष्‍ट्रपति भवन में शिफ्ट हो गया । पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने हसन को धार्मिक गुरु के तौर पर नियुक्त किया था।

हसन ने राष्ट्रपति के आग्रह पर कई परिवारों को उर्दू सिखाई। एक बार कुछ जड़ी-बूटियों की खोज करते हुए वह मज़ार तक आ गया। हसन ने बताया कि तब मैंने वहां पर खुदाई करने का और रहने लायक जगह बनाने का फैसला लिया ।

दीवार फांदने की बात पर हसन ने कहा, पहले वह बॉडीगार्ड लाइन के गेट से होते हुए ही मैं अंदर जाता था। पह अब वह गेट बंद कर दिया जाता है और उसके बाद दीवार फांद के जाने के अलावा और कोई चारा ही नहीं।

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