राम मंदिर बनवाने के लिए सामने आई ये मुस्लिम महिला

राम मंदिरवाराणसी। राम मंदिर विवाद पर आज तक आपने मुस्लिमों को मंदिर निर्माण के खिलाफ ही देखा होगा। लेकिन अब एक ऐसी मुस्लिम महिला सामने आई है जिसने अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण की वकालत की है। यह महिला चाहती है कि अयोध्‍या में जल्‍द से जल्‍द राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जाए।

बनारस की रहने वाली नाज़नीन नमाज और रोजे की पाबंद तो हैं ही, भगवान राम की भी भक्ति करती हैं। वह हनुमान चालीसा भी पढ़ती हैं। ऐसा करने के पीछे नाज़नीन का मक़सद है कि लोग सभी धर्मों की इज़्ज़त करें।

भगवान शिव की नगरी बनारस में रहने वाली नाजनीन अंसारी धार्मिक सहिष्णुता का जीता जागता उदाहरण हैं। वे न सिर्फ रोज हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं बल्कि बच्चों को हनुमान जी के बारे में जानने के लिए प्रेरित भी करती हैं।

बनारस का रस और बनारसी संस्कृति नाजनीन के मिजाज और कामों में साफ झलकती है। हिजाब की पाबंद नाजनीन जन्म और आस्था दोनों से सच्ची मुसलमान हैं। नाज़नीन के मन में धर्म को लेकर कोई द्वंद्व नहीं है।

राजनीतिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी की परम समर्थक नाजनीन अंसारी को इस बात पर पूरा भरोसा है कि कोई धर्म आपस मे लड़ना नहीं सिखाता।

अयोध्या में राम मन्दिर को लेकर वह कहती हैं कि, इसके लिए वह हाशिम अंसारी से मुलाकात करेंगी। उनसे अपील करेंगी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए न सिर्फ वह साथ दें, बल्कि देश के सभी मुस्लिमों से वे खुद भी अपील करें।

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी की ख्वाहिश है कि राम मंदिर का मसला अब सुलझ ही जाना चाहिए। नाजनीन का कहना है कि जिस तरह मक्का मदीना हर मुसलमान के लिए पाक है, वहां कोई दूसरा धर्मस्थल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, उसी तरह अयोध्या हिंदुओं के लिए पाक है। फिर वहां कुछ और कैसे स्वीकार हो सकता है।

राम मंदिर नाजनीन की नजर में

नाजनीन का कहना है कि अयोध्या भगवान श्रीराम की थी और उन्हीं की रहेगी। वह कहती हैं, ‘मंगोलों ने राम मंदिर तोड़ा था लेकिन तोहमत मुसलमानों पर लगाई गई। चंगेज खान का वंशज ही बाबर मंगोल था जिसके पूर्वज हलाकू ने 1258 ई. में इस्लाम के अंतिम खलीफा को मार डाला। इन्हीं मंगोलों की वजह से मुसलमानों का कोई खलीफा नहीं।

बाबर के पूर्वजों ने इस्लाम का सत्यानाश किया। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में राम जन्म स्थान पर बने हुए मंदिर को तोड़कर 1528-29 ई. में मस्जिद बनवाई। वह जगह राम मंदिर की थी और रहेगी।’

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