सदन के दूसरे दिन ही राज्यसभा में पास हुआ जलियांवाला बाग बिल सोनिया गांधी को नहीं मिली जगह

पहले दिन की ही तरह संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामेदार ही रही. कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान काफी हंगामा किया.

राज्यसभा

विपक्ष के तमाम सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी भी की. मंगलवार को सदन में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण के मसले पर चर्चा हुई. मंगलवार को लोकसभा का समय आधे घंटे के लिए आगे बढ़ा गया लेकिन चर्चा समाप्त नहीं हो पाई.

जिसके बाद चर्चा को बीच में ही रोक कर लोकसभा अध्यक्ष को बुधवार 11 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर राज्य सभा में चर्चा के बाद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पास हो गया, यह लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है.

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राज्यसभा में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पास

राज्यसभा में लंबी चर्चा के बाद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत के साथ पास हो गया. इसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 को विचार और पारण के लिए सदन के समक्ष रखा और उस पर खुलकर चर्चा हुई. सदन की समयावधि पूरी हो जाने की वजह से चर्चा बीच में रोक कर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार 20 नवंबर 2019 सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित होने की घोषणा कर दी.

इस बिल को मंजूरी मिलना कांग्रेस के लिए झटका है. अब कांग्रेस प्रमुख इस ट्रस्ट के मेंबर नहीं रह पाएंगे. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय मेमोरियल एक्ट 1951 के तहत मेमोरियल के निर्माण और मैनेजमेंट का अधिकार ट्रस्ट का है. इस कानून में ट्रस्टीज के चयन और उनके कार्यकाल के बारे में बताया गया है. लेकिन अब ऐसा हो नहीं पाएगा. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष इस ट्रस्ट का हिस्सा होंगे. सीधे शब्दों में इसका मतलब है कि कांग्रेस चीफ को पदेन सदस्य से हटाए जाने के बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य इस ट्रस्ट का हिस्सा नहीं होगा. अब तक राहुल या सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के कारण गांधी परिवार का कोई शख्स लंबे वक्त तक इस ट्रस्ट में रहता था. लेकिन अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इसका हिस्सा होंगे.

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राज्यसभा में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक सदन में चर्चा के लिए रखते हुए बीजेपी सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इसे राष्ट्रीय स्वरूप मिले इसलिए सदन से विनती है कि सदन इस बिल को पास करे.

जिसके बाद चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पंजाब से कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि देश में 50 साल तक कांग्रेस की सरकार रही. मैं बस यह कहना चाहूंगा कि इसमें कोई बदलाव ना करें. कल को कांग्रेस फिर आ सकती है तो यही अदला-बदली होती रहेगी. सरकार को इससे बुराई ही मिलेगी. इसे विड्रॉ कीजिए. हिस्ट्री को रि-राइट ना कीजिए. अंत में उन्होंने कहा बशीर जी ने कहा है, दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे कि जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों…

संसद की कार्यवाही में यह रहा खास

 कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली की आबोहवा है वो इतनी ज्यादा प्रदूषित हो जाती है, इतना ज्यादा धुआं हो जाता है कि लोग जहरीली गैस की सांस लेते हैं. यह दलगत सियासत से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है. यह परिस्थिति लगातार उसी समय, हर साल क्यों उठती है. सोचने की जरूरत है.

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मनीष तिवारी ने आगे कहा कि दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 शहर भारत के हैं. कानपुर, बनारस, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, मुजफ्फरपुर, आगरा, श्रीनगर, पटियाला, जोधपुर और अनेक हमारे शहर प्रदूषण में अव्वल नंबर पर हैं.

सरकार की तरफ से इससे निपटने के लिए आवाज क्यों नहीं उठती, सदन में बात क्यों नहीं उठती, क्यों लोगों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है. यह एक गंभीर विषय है. ऐसा नहीं है कि हम इस समस्या से निपट नहीं सकते. बीजिंग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अगर बीजिंग की हवा साफ हो सकती है तो यहां क्यों नहीं.

छोटे किसान को गुनाहगार बनाना सही नहीं: मनीष तिवारी

दिल्ली के प्रदूषण पर एक बात हमेशा कही जाती है कि जो आसपास के सूबे हैं वहां पराली जाई जाती है जिस वजह से दिल्ली में प्रदूषण फैलता है. पराली जलाना मैं सही नहीं मानता. लेकिन उसे रोकने के लिए उसे आर्थिक रूप से मजबूत करना जरूरी है. दिल्ली में प्रदूषण गाड़ियों से होता है, इंडस्ट्री से होता है, ईंट भट्टों से होता है. छोटा किसान जिसकी आवाज कहीं सुनाई नहीं देती है उसे अगर गुनाहगार बनाते हैं तो यह सही नहीं होगा.

‘5 साल पहले केवल वोखांसता था और आज सब खांसते हैं

दिल्ली पश्चिमी से बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि 5 साल पहले केवल दिल्ली का मुख्यमंत्री खांसता था और आज सब खांसते हैं. दिल्ली में एयर प्योरीफॉयर की सेल बढ़ गई. लोग दिल्ली छोड़कर जाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री मास्क बांट रहे हैं जो मास्क प्रदूषण से लड़ने में कोई मदद नहीं करता. मैं सारे सांसद से कहता हूं कि एक बार यमुना को जाकर देखें. वहां हर इंडस्ट्री का पानी बिना ट्रीटमेंट के जाता है. पानी दिल्ली को कैसे मिलेगी, हवा दिल्ली को कैसे मिलेगी यह केवल मेरी चिंता नहीं होनी चाहिए, यह सभी की चिंता होनी चाहिए.

 

 

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