इस यूनिवर्सिटी में स्थापित होगी लैंग्वेज लैब, स्टूडेंट कहलाएंगे ‘सिन्धु गौरव’

जयपुर। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में स्थापित सिन्धु शोध पीठ में लैंग्वेज लैब स्थापित करने सहित कई अहम निर्णय किए गए। सिन्धु शोध पीठ द्वारा डिप्लोमा व सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

सिन्धु शोध

सिंधी भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को ‘सिन्धु गौरव’ पुरस्कार इसी वर्ष से शुरू किया जाएगा। सलाहकार समिति की बैठक शनिवार को शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

देवनानी ने बताया कि बैठक में सिन्धु शोध पीठ की वर्ष 2018-19 की कार्ययोजना तैयार की गई। शोध पीठ द्वारा प्रशासनिक एवं प्रतिष्ठित सेवाओं में चयनित व सम्मानित प्रतिभाओं के सम्मान के लिए समारोह आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि, बैठक में सिन्धु सभ्यता एवं संस्कृति पर शोध योजना आमंत्रित करने, सिन्धी वंशावली पर कार्यशाला, सिन्धी वंशावली पर शोध करने वाले शोधार्थियों को प्रोत्साहन देने, अनिवासी सिन्धी भारतीयों हेतु अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, सिन्धी अरबी लिपि की दुर्लभ एवं अनमोल पुस्तकों का भाषान्तरण देवनागिरी एवं हिन्दी लिपि में करवाकर प्रकाशित करवाने, सिन्धु सभ्यता, भाषा, संस्कृति एवं सिन्धी समुदाय के वीर पुरुष, वीरांगना, शहीदों इत्यादि पर पुस्तकों के लेखन एवं प्रकाशन की लघु कार्य योजना बनाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति, प्रो. विजय श्रीमाली का स्वागत किया गया। प्रो. श्रीमाली ने सिन्धु शोध पीठ में ‘लैंग्वेज लैब’ शुरू करने का सुझाव दिया, जिसका बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों ने स्वागत किया तथा इस योजना को शीघ्र अमल में लाने का संकल्प पारित किया।

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