राजस्थान में दूसरी बार ऐसा हुआ, कांग्रेस को एक भी नही सीट हुई हासिल !…

राजस्थान में बीजेपी ने फिर इतिहास दोहरया है  फर्क सिर्फ इतना है पिछली बार  उस समय भाजपा सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ी और जीती थी। इस बार 24 सीटों पर खुद और एक सीट पर अपने सहयोगी के साथ जीती है। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गैर कांग्रेसी पार्टी ने लगातार दो बार सूपड़ा साफ जीत हासिल की है। चार माह पहले दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जिन 12 सीटों पर अपनी बढ़त गंवाई थी, उन पर फिर से बढ़त बना ली।

 बीजेपी

राज्य में पहले चरण की 13 सीटों पर 29 अप्रैल को रिकॉर्ड 68.22 प्रतिशत वोटिंग हुई। वहीं, छह मई को दूसरे चरण की 12 सीटों पर 63.78 प्रतिशत मतदान रहा। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कुल 66.12 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रदेश में 25 सीटों पर 63.10ः वोटिंग हुई थी। इस तरह राजस्थान में कुल वोटिंग प्रतिशत बढा था और तेज गर्मी के बावजूद लोगों ने खुल कर वोटिंग की थी।

इस बार के चुनाव परिणाम में पार्टी प्रत्याशियो की जीत का अंतर बहुत भारी है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पांच सीटों पर एक लाख से कम मार्जिन से जीती थी और इनमे से दो पर तो 50 हजार से भी कम का मार्जिन था, लेकिन इस बार सिर्फ दो सीटों दौसा और धौलपुर-करौली पर एक लाख से कम का मार्जिन दिख रहा है। हालांकि पिछली बार भी यही दो सीटें थीं,  जहां पार्टी ने 50 हजार से कम की जीत हासिल की थी।

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– इस बार राजस्थान से सबसे बड़ी जीत भीलवाड़ा के भाजपा प्रत्याशी सुभाष बहेडिया ने हासिल की है। उन्होंने 6.12 लाख वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की है।
– इस बार भाजपा प्रत्याशी ने दो सीटों पर एक लाख से कम, दो पर एक लाख से ज्यादा, छह पर दो लाख से ज्यादा, छह पर तीन लाख से ज्यादा, छह पर चार लाख से ज्यादा, दो पर पांच लाख से ज्यादा और एक सीट पर छह लाख सेे ज्यादा की जीत हासिल की है।
– चार सीटें बीकानेर, जयपुर शहर, जोधपुर और जालौर ऐसी भी हैं, जहां 2014 के मुकाबले मार्जिन कम हुए हैं। इन चारों सीटों पर पार्टी ने मौजूदा सांसदों को रिपीट किया है। इनमें बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल और जोधपुर से गजेन्द्र सिंह शेखावत केंद्र में मंत्री भी हैं।
– राजस्थान मे भाजपा ने 16 सीटों पर मौजूदा प्रत्याशियों को मौका दिया था और नौ सीटों पर नए चेहरे उतरे थे। यह रणनीति कामयाब साबित हुई।

 

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