राजस्थान के बाड़मेर में डेढ़ मिनट के अन्दर तहस-नहस हो गया पंडाल, भगदड़ के दौरान हुई 15 श्रद्धालुओं की मौत
राजस्थान के बाड़मेर स्थित जसोल धाम में रामकथा के दौरान तेज आंधी से एक पंडाल गिर गया। भगदड़ के दौरान दम घुटने और करंट फैलने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हैं।
मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की आपबीती बताई। लोगों ने बताया कि पंडाल लगभग 20 फीट ऊपर तक उड़ा फिर नीचे गिरा। उसके बाद लोहे के पाइप में करंट दौड़ गया, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
#Rajasthan: Death toll rises to 15 in Barmer pandal collapse accident pic.twitter.com/CnY2JE2ru1
— ANI (@ANI) June 24, 2019
प्रभावित परिवारों से मिले मुख्यमंत्री
उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और मारे गए लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। गहलोत घटनास्थल भी गए और अधिकारियों से हादसे की जानकारी ली। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच की जाएगी।’ उन्होंने अस्पताल में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने घायलों से की मुलाकात
उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रशासन के संपर्क में हूं। मैंने गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री से बात की है। सीएम द्वारा घोषित मुआवजा प्रभावितों तक पहुंच गया है। जसोल में रविवार अपरान्ह को एक रामकथा के दौरान पंडाल गिरने से 14 लोगों की मौत हो गयी व लगभग 50 अन्य घायल हुए। घायलों का यहां के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
ये हैं हादसे के कारण
- कथा दोपहर 2 बजे शुरू हुई, हादसा से पहले ही आंधी के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई थी। बारिश के बाद भी कथा को जारी रखा गया।
- पंडाल गिरते ही करंट दौड़ा तो बिजली काट दी गई लेकिन वहां लगे दो ऑटोमैटिक जनरेटर स्टार्ट हो गए।
- मुरलीधर महाराज मारवाड़ के प्रसिद्ध कथावाचक हैं। उनके कार्यक्रमों में काफी भीड़ आती है। फिर भी प्रशासन ने सुरक्षा संबंधी तैयारियों का जायजा नहीं लिया।
- पंडाल में हवा पास होने के लिए जगह ही नहीं छोड़ी गई थी। जब तूफानी हवा आई तो पंडाल में भर गई। बवंडर ने पंडाल को ऊपर की ओर उड़ा लिया।