योगी सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां लगाने के लिए SC से मांगी छूट

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सार्वजनिक स्थानों पर संतों, धार्मिक नेताओं, राजनीतिक हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की प्रतिमा लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से छूट देने की मांग की है। दरअसल, 2013 में कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वह सार्वजनिक जगहों पर मूर्तियां लगाने की अनुमति ना दें। 2006 में वडोदरा में जिला अदालत ने सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण करके धार्मिक गतिविधियों के लिए किए गए निर्माण को हटाने का आदेश दिया था। वहीं, कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ वडोदरा में काफी हंगामा हुआ। यह हंगामा इतना उग्र हुआ था कि भीड़ ने जिला अदालत पर पथराव किया था। इसके अलावा यहां खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया था। इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों से सभी धार्मिक संरचनाओं को हटाने का निर्देश दिया था।

जबकि इस मामले में यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में राज्यों को आदेश दिया था कि वह सार्वजनिक जगहों पर मूर्तियां लगाने की अनुमति ना दें। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यह स्ट्रीट लाइट, ट्रैफिक, टोल, पब्लिक यूटिलिटी सर्विस या सड़कों के सौंदर्यीकरण पर लागू नहीं होगा ।

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