युवक का सुसाइड नोट… मेरी आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब बेटी मुखाग्नि देगी

नीतू मुझे क्षमा करना, बेटी का ख्याल रखना। मेरे शरीर को बेटी आराध्या ही मुखाग्नि देगी, तो मुझे शांति मिलेगी। मेरा सपना है, बेटी अधिकारी बने। परिजन बेटी को उसका हक, अधिकार जरूर दे देंगे।’ ये शब्द एक स्कूल प्रबंधक के हैं जिसने आत्महत्या से पहले कहे हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर नगर से सटे अहलादपुर मरकड़ी गांव के एक स्कूल प्रबंधक ने फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी। आत्महत्या का कारण परिवार के बीच स्कूल में उत्तराधिकार विवाद बताया जा रहा है। घटनास्थल से पुलिस को सात पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें युवक ने अपना दर्द बयां किया है। मृतक का नाम अमित यादव हैं।

बता दें कि अहलादपुर मरकड़ी गांव के हरीशचंद यादव का छोटा बेटा अमित यादव (35) मझने पुल के समीप एलबीआर स्कूल के प्रबंधक थे। वह चार साल पहले स्कूल की स्थापना कर संचालित कर रहे थे। स्कूल में प्रबंधक तंत्र के उत्तराधिकार को लेकर विवाद बताया जा रहा है। सोमवार की रात स्कूल परिसर में स्थित आवास के कमरे में करीब नौ बजे पत्नी ने फंदे से लटकता शव देख शोर मचाना शुरू किया। रस्सी का फंदा बनाकर छत की कुंडी से वह लटक गए थे। बगल में मेज पर सात पेज का सुसाइड नोट मिला। जिसमे छह पेज लाल और एक पेज नीली स्याही से लिखा है।

इस आत्महत्या का कराण उन्होंने स्कूल के प्रबंधकीय विवाद को बताया। परिजनों से स्कूल के प्रबंधकीय उत्तराधिकार को लेकर एक महीने से विवाद चल रहा है। जिसको लेकर तीन दिन पहले स्कूल में भी बहस हुई थी। घटना के बाद सुसाइड नोट में विवाद के आरोपी परिजन फरार हो गए।

LIVE TV