मोदी को फिर याद आया अपना पुराना अड्डा, मंत्रियों को दिया बड़ा आदेश

मोदीनई दिल्ली। पीएम मोदी अपने बचपन का ज़िक्र करते हुए अपने भाषणों में कई बार खुद के चाय बेचने की बात कही है। लेकिन अब जब वो प्रधानमंत्री बन गए हैं तो उन्होंने उस स्टेशन को बिलकुल चकाचक करने का फैसला ले लिया है। मोदी सरकार ने उस स्टेशन के विकास के लिए 8 करोड़ रुपए की मंजूरी  हैं। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन को विकास कार्य के लिए आठ करोड़ रुपये दिए गए हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बचपन के दिनों में चाय बेचा करते थे।

मनोज सिन्हा शुक्रवार को सचाना गांव में इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का उद्घाटन करने पहुंचे थे। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी अकसर कहा करते थे कि अपने बचपन के दिनों में वह अपने पिता के साथ वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे। वडनगर मोदी का जन्मस्थान भी है।

शुक्रवार को सिविल सर्विस डे के मौके पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के शीर्ष नौकरशाहों को संबोधित किया और कहा “दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति सुधार कर सकती है, लेकिन अफसरशाही और जन भागीदारी उसे नए आयाम तक पहुंचा सकती है। हमें इन दोनों शक्तियों का समावेश कर विकास की दिशा में आगे बढ़ना होगा।”

पीएम मोदी ने कहा था कि सुधारवादी कदम उठाने में हमारी राजनैतिक इच्छाशक्ति न कम पड़ी है और न आगे कम पड़ेगी। पीएम ने कहा था कि वो चाहते हैं कि आने वाले एक साल में वर्क क्वॉलिटी में बदलाव हो। उन्होंने कहा था कि सिर्फ सर्वश्रेष्ठ होने से काम नहीं चलेगा। आपको सर्वश्रेष्ठ होने को अपनी आदत बनाना होगा।

पीएम ने यह भी बताया था कि क्यों उन्होंने मीटिंग्स में अफसरों के मोबाइल लाने पर पाबंदी लगा दी थी। पीएम ने कहा था, इन दिनों जिलाधिकारी मोबाइल फोन पर बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं, इसलिए मैंने बैठकों में मोबाइल लाने पर ही रोक लगा दी।

पीएम ने कहा था, लोग अब ई-गवर्नेंस से मोबाइल गवर्नेंस की तरफ मुड़ गए हैं, यही सचाई है। काम करने के लिए वर्किंग स्टाइल और माइंडसेट बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए पीएम ने कहा था कि हाइरार्की कल्चर संस्कृति पर बोझ है और यह ब्रिटिश शासन के समय से चला आ रहा है।

उन्होंने कहा था, अगर बड़े अफसरो को लगता है कि कोई नया अफसर अच्छा काम कर रहा है और यह उन्हें डरा रहा है तो यह हाइरार्की कल्चर के कारण है। अधिकारियों से अपने अनुभव का बेहतर इस्तेमाल करने का अनुरोध करते हुए पीएम ने कहा था कि वह हटके सोचें, ताकि बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मेरी राजनीतिक इच्छाशक्ति है बदलाव लाने की। लेकिन लेकिन आप लोग हैं जो योजनाओं और नीतियों को तैयार करते हैं।

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