मेधा द्वारा समर्थित यूपीएसटीपीसी प्रोजेक्ट ने युवतियों के लिए आसान बनाई नौकरी की राह

उत्तर प्रदेश के मऊ, महराजगंज, बरेली और मुरादाबाद जैसे जिलों के सरकारी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा करने वाली 106 युवतियों को गुड़गांव की एक प्रमुख टेक कंपनी में नौकरी मिली है। ऐसे समय में जब कोविड 19 महामारी के कारण आई मंदी में नौकरी जाने और वेतन कटौती की रिपोर्ट सामने आ रही हैं ऐसे में 100 से अधिक युवतियों को रोजगार मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। युवतियों को रोजगार का यह अवसर उत्तर प्रदेश स्टेट ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल यूपीएसटीपीसी के सहयोग से मिला है।

यूपीएसटीपीसी की स्थापना लखनऊ स्थित एक गैर लाभकारी संगठन के सहयोग से संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उत्तर प्रदेश जेईईसीयूपी द्वारा की गई है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य राज्य भर के सरकारी पॉलिटेक्निक में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करना है। साथ हीए उन संस्थानों के प्लेसमेंट इकोसिस्टम का बेहतर प्रबंधन कर प्लेसमेंट सेल को मजबूती प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत मेधा द्वारा समर्थित प्रशिक्षण कार्यशालाओं में रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण दी जाती है। जिसमें साक्षात्कार की तैयारीए रिज्यूम लिखनाए उद्यमशीलताए कार्यस्थल शिष्टाचार और नेतृत्व कौशल प्रशिक्षण शामिल हैं।

मेधा वर्ष 2011 से युवाओं के रोजगार कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रही है। पिछले वर्षों में इसने 200 शिक्षण संस्थानों के 25,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण संबंधी सहयोग देकर देश के 1500 से अधिक कंपनियों के साथ बतौर इंटर्न व पूर्णकालिक नौकरियों से जोड़ा है।
अगस्त में गुड़गांव स्थित प्रौद्योगिकी कंपनी वीवीडीएन टेक प्राइवेट लिमिटेड में नौकरी के अवसर के बारे में जानकारी मिली तो संस्था ने इच्छुक विद्यार्थियों को कंपनी के साथ जोड़ा। नौकरी के लिए चयनित सभी 106 युवतियों को कोविड.19 के बीच गुड़गांव भेजने के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था भी संस्था द्वारा की गई। साथ ही बेटियों को काम के लिए बाहर जाने की अनुमति देने के लिए अभिभावकों की काउंसलिंग में भी मेधा की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
महराजगंज स्थित महामाया इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के दौरान मेधा द्वारा समर्थित वर्कशॉप का हिस्सा रहीं आकृति त्रिपाठी ने कहा-जब मुझे वीवीडीएन टेक प्राइवेट लिमिटेड से जॉब ऑफर मिला तो मेरे बाहर जाने को लेकर परिजन थोड़े आशंकित थे। हालांकि मैं इस अवसर को नहीं गंवाना चाहती थी क्योंकिए मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ ही दिनों में मैंने नए शहर के अनुरूप खुद को ढाल लिया है। हर कदम पर हमें सहयोग और मार्गदर्शन देने के लिए मैं आभारी हूं।

अभियान के संचालक पीयूष गुप्ता ने कहा संगठन के रूप में हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त कर सकने लायक प्रशिक्षण दिलाना और फिर उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ना है। गुड़गांव में मिले नौकरी के अवसर का लाभ लेने वाली इन युवतियों ने उन लोगों के लिए मिसाल पेश किया है जो अपने घर से दूर नौकरी करने को लेकर आशंकित हैं।”

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