मिलिए कर्नाटक की गौरी से, 90 दिनों में अकेले ही चीर दिया धरती का सीना

मुश्किलों से निकलने का प्रयासनई दिल्ली। लोग जब भी किसी मुश्किल में पड़ते हैं तो या तो वो दूसरों को दोष देते हैं या अपनी किस्मत को। कभी-कभी तो मुश्किलों से निकलने का प्रयास भी बंद कर देते हैं। लेकिन अगर आपको मुश्किलों से आगे बढ़कर जीत का पर्चम लहराना है तो आप कर्नाटक की रहने वाली गौरी से प्रेरणा ले सकते हैं। कर्नाटक के सिरसी की रहने वाली 51 वर्षीय गौरी ने ऐसा काम किया है जो बेहद सराहनीय है।

इलाक़े मे पानी की किल्लत होने पर लोगों को खासा दिक्कत होती थी। गौरी ने लोगों की प्यास बुझाने और अच्छी  खेती के लिए 60 फीट गहरा कुआं खोद कर सभी को चौंका दिया। इनके इस काम से आस-पास के लोग इन्हें ‘लेडी भागीरथ’ के नाम से जानते हैं।

जाहिर है किसी एक व्यक्ति के लिए ये काम आसान नहीं है। एक महिला होने के नाते गौरी को काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा। दरअसल, उन्हें नरियल और सुपारी के लिए पानी की जरूरत थी। उनके पास कुआं खुदवाने के लिए पर्याप्त पैसे न होने की वजह से खुद ही खोदने का निश्चय किया और तीन महीने में यह करके दिखा भी दिया। गौरी के जज्बे की लोग काफी तारीफ़ कर रहे हैं। ‘ अपने काम की वजह से ये ‘लेडी भागीरथ’ कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

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