भारत में बार-बार चक्रवाती तूफान क्यों मचा जाता है तबाही, जानें क्या है इसका मुख्य कारण
भारत में अरब सागर में आया चक्रवात टाक्टे तबाही मचा रहा है। यह तूफान कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के बाद अब गुजरात की तरफ बढ़ चुका है। ऐसे अगर देखा जाए तो कुछ वर्षों में भारतीय क्षेत्र में चक्रवातों के बनने का सिलसिला बढ़ा है। विश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) के विशेषज्ञों की राय में इसकी बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का तापमान बढ़ रहा है। इस तापमान के बढ़ने का व्यापक असर समुद्र में बनने वाले चक्रवातों पर भी पड़ा है। ऐसे हमारे लिए ये जानना जरूरी हो गया है कि समुद्र में चक्रवातों के बनने की शुरुआत केसे होती है।
दरअसल चक्रवातों के बनने की शुरुआत समुद्र के गर्म क्षेत्र में ही होती है। यहां से चलने वाली हवा गर्म होकर कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती हे। इसमें गर्म हवा तेजी से ऊपर आती है, जहां उसको नमी मिलती है, जो बाद में घने बादल का निर्माण करती है। इस वजह से खाली हुई जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर फिर ऊपर की ओर उठती है। जब हवा तेजी के साथ इसके ऊपर चक्कर काटती है तो बादल के बिजली कड़कती और तेज बारिश होती है। धीरे-धीरे ये प्रक्रिया एक तूफान का रूप ले लेती है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, बीते एक दशक में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवाती तूफानों की संख्या में 11 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जिसका मुख्य कारण है समुद्री सतह पर तापमान का अधिर बढ़ना। वहीं बात टोक्टे की करे तो जब यह आता है तो उस समय में अरब सागर का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो जैसे जैसे- समुद्र का तापमान बढ़ता जाएगा चक्रवातों की शक्ति भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जाएगी।
आपको ये भी बता दें कि भारत में चक्रवात अधिकतर मई से अक्टूबर के बीच आते हैं। इनमें से अधिकतर बंगाल की खाड़ी में आते हैं। इनका असर बंगाल से लेकर दक्षिण के राज्य तमिलनाडु तक दिखाई देता है। जानकारों की राय में भारतीय क्षेत्र में आने वाले ताकतवर चक्रवाती तूफानों की ताकत हर वर्ष 8 फीसद की दर से बढ़ रही है।