दुनिया में तबाही मचाने के बाद जीका ने मारी भारत में एंट्री, डब्ल्यूएचओ ने की पुष्टि

भारत में जीकानई दिल्ली। दुनिया में तबाही मचाने के बाद अब भारत में जीका वायरस प्रवेश कर चुका है। इस बात का खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने किया। डब्ल्यूएचओ ने अहमदाबाद में तीनों मामलों की पुष्टि की है। सभी मामले शहर के बापूनगर इलाके के बताए जा रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ की साइट के मुताबिक देश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुजरात में अहमदाबाद के बापूनगर इलाके में जीका वायरस के तीन मामले पाए हैं।

अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर टेस्ट के माध्यम से जीका वायरस के मामलों की पुष्टि की गई है।

इससे पहले जनवरी में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी की लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई थी।

  1. बीते साल 10-16 फरवरी के बीच हुए एक्यूट फर्बाइल इलनेस (एएफआई) सर्विलांस के दौरान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में कुल 93 खून के सैंपल लिए गए थे। एक सैंपल 64 वर्षीय पुरुष का था, जिसमें 8 दिन की फर्बाइल इलनेस सामने आई। यहां उसे पॉजिटिव पाया गया था।
  2. 9 नवंबर 2016 को 34 साल की महिला ने बीजे मेडिकल कॉलेज में शिशु को जन्म दिया। सब कुछ ठीक था, लेकिन डिलीवरी के बाद अस्पताल में रुकने के दौरान उसे हल्का बुखार हुआ। रिकॉर्ड में गर्भवती होने के दौरान न तो उसे बुखार था और न ही पिछले तीन महीनों में रहा था। उसकी ओर से यहां के वायरल रिसर्च और डायग्नॉस्टिक लैबोरेट्री (वीआरडीएल) में एक सैंपल डेंगू के टेस्ट के लिए दिया गया। बाद में उसमें जीका वायरस पॉजिटिव पाया गया।
  3. इसी साल जनवरी में 6-12 तारीख के बीच एंटेनैटल क्लीनिक (एएनसी) सर्विलांस चला था। 111 खून के सैंपल उसमें लिए गए थे, जिसमें 22 साल की एक गर्भवती महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई थी।

ख़बरों के मुताबिक अहमदाबाद नगर निगम में एंटोमोलाजिस्ट डा। विजय कोहली ने बताया कि उन्होंने भी कुछ घंटों पहले ही रिपोर्ट पढ़ी है और फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि मामले से निपटने के लिए एहतियात बरतना होगा। मच्छरों को जड़ से मिटाने के लिए काम करना होगा।

वहीं गांधीनगर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (आईआआईपीएफ) में एडिश्नल प्रोफेसर डा। दीपक बी सक्सेना ने बताया कि हमें अब और भी सर्तक रहना होगा।

जीका और डेंगू इसी वायरस से फैलता है। जीका ऐसे में आसानी से फैल सकता है। हमारे आसपास खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में हमें इसकी निगरानी के लिए कोई व्यवस्था चाहिए।

संगठन की साइट यह भी बताती है कि जीका वायरस ने निपटने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी गठित की गई है।

इसमें उनके साथ बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव और स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव भी होंगे। यह जीका के बढ़ते मामलों पर निगाह रखेंगे।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी और स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस बारे में तलब करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब न मिल सका।

जीका से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ ने सलाह देते हुए बताया है कि लोगों को इससे बचाव की आवश्यकता है। इसके लिए मच्छरों को पनपने नहीं देना चाहिए। हल्के रंग के और ढंके हुए कपड़े पहनें। घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, जिससे मच्छर घर में न घुस पाएं। मॉस्कीटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें।

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