इस ऐतिहासिक धरोहर के बारे में सिर्फ है सुना, तो आज जाने उसे और करीब से

भारत में ऐतिहासिक स्थलों भारत एक प्राचीन देश है। प्राचीनता के साथ इसका गौरवशाली इतिहास है। भारत के इतिहास की बहुत सी घटनाएँ हैं, जिनका वर्णन भारत के ऐतिहासिक स्थल आज भी कर रहे हैं। भारत में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं. हम बचपन से किताबों में ऐतिहासिक इमारतों के बारे में पढ़ते हैं. इन्हें पढने के बाद उन्हे करीब जाने का मान करता है.

ऐतिहासिक धरोहर को जाने में अगर आप रूचि रखते है आप इतिहास से जुड़ी कहानियों में किस्सों में पसंद हैं तो यह बेस्ट ऑप्शन है आपके लिए कि आप इनके बारे में जाने। ऐतिहासिक धरोहरों की बात ही निराली होती है यहाँ एक बार जरूर जाए और जाने आखिर क्यों इन ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हुआ।

वाराणसी घाट,

 

भारत में ऐतिहासिक स्थलों

वाराणसी हिन्दू धर्म के लोगों के लिए वाराणसी एक बेहद पवित्र स्थल है जहाँ की भूमि में मोक्ष प्राप्ति होती है। यह न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है। यह घाट ऐतिहासिक धरोहर भी है क्योेंकि वाराणसी एक बेहद प्राचीन शहर है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ की पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। वास्तव में इन घाटों की चमक देखने लायक होती है।

महाबोधि मन्दिर

भारत में ऐतिहासिक स्थलों

बोधगया महाबोधि मन्दिर वही स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को ज्ञान अर्जित हुआ था, प्राप्त हुआ था। आज यह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह विशाल धरोहर वास्तुकला का एक नमूना है जिसकी नक्काशी देख आप भी मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि यह सबसे पहले बौद्ध धर्म के मंदिरों में से एक है। जो आज भी अपनी शान से खड़ा हुआ है।

ब्रहदीश्वर मंदिर,

भारत में ऐतिहासिक स्थलों

तंजावुर तमिल वास्तुकला में बना यह विशाल मंदिर चोलों द्वारा की गई अद्भुत प्रगति का एक जीता जागता नमूना है। भारत का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ साथ यह भारतीय कलात्मक शैली आध्यात्मक शैलियों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस वास्तुकला मंदिर को राजराजा चोल ने बनवाया था। इस मंदिर की नंदी देखने योग्य है

विक्टोरिया मैमोरियल,

भारत में ऐतिहासिक स्थलों

कोलकाता अंग्रेजी शासनकाल ख़त्म होने की ख़ुशी में और ब्रिटिश काल को समाधि देने की निशानी के रूप में इस मैमोरियल का निर्माण किया गया था। इस मैमोरियल में आज भी शाही परिवार के और शाही परिवार से जुड़े लोगों के कुछ अवशेष हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। जैसे उनके लिबास और उनका रहन-सहन आदि आप यहाँ देख सकते हैं.

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