भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते 2+2 वार्ता!

चीन के बढ़ते वर्चस्व और सैन्य आधुनिकरण से  भारत,अमेरिका  ही नहीं बल्कि अन्य देश भी हैरान है यही वजह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो अगले सफ्ताह भारत आ रहे हैं। इस दौरान अमेरिका और भारत के बीच 2+2 वार्ता में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चुनौतियों एवं उनसे निपटने के सवाल एवं समाधान पर चर्चा की जाएगी। चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव, उसकी विस्तारवादी नीतियों एवं उसे  काबू करने की रणनीति पर इस बैठक में गंभीरता से विचार किया जायेगा।

भारत और अमेरिका के बीच होने वाली 2+2 वार्ता से पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को वाशिंगटन में  कहा कि भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होगा।मैं  और विदेश मंत्री माइक पोम्पियों अगले सफ्ताह अपने भारतीय समकक्षों  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ 2+2 बैठक के लिए नयी दिल्ली  जायेंगे।

आप को बता देवें की 2+2 वार्ता की पहले स्तर की बैठक सितम्बर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी। यह वार्ता क्षेत्रीय समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को कायम रखने, मौलिक अधिकारों,स्वतंत्रता का समर्थन करने, बाहरी आर्थिक दबाव को रोकने, बाजार आधारित अर्थव्यवस्था-गुड़ गवर्नेंस को बढ़ावा देने की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी थी। इस बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियों, तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री  जेम्स मैटिस तथा भारत से दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल थीं।

अमेरिकी दूतावास ने अपने बयां में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा साझा रूप से शुरू की गयी थी जिसका उद्देश्य रणनीतिक साझेदारी,उनके राजनयिक और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आपसी तालमेल को बढ़ावा देना था।

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