कांग्रेस में प्याज के लिए रोई जनता तो भाजपा ने लिया हिंदूवादी फैसला, आज कौड़ी के भाव मोल

लहसुनलखनऊ। भाजपा की नई सरकार बनते ही अवैध चल रहे बूचड़खानों पर लगाम क्या लगी इससे लहसुन, प्याज और घुइयां की बिक्री पर बहुत बुरा असर पड़ा है। बाजार में लहसुन की बाजार में जहां 30 फीसदी की गिरावट आई वहीं घुइयां की बिक्री लगभग 70 फीसदी गिर गई। बीफ पर लगे बैन का असर सब्जी मंडी में भी दिखने लगा है। दुबग्गा फल एवं सब्जी व्यापारी समिति के महामंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि इधर लगभग चार-पांच दिनों से बाजार में लहसुन और प्याज की बिक्री पर असर पड़ा है।

शासन बदलने वाला प्याज बेहाल: कभी सत्ता बदलने की कूवत रखने वाले प्याज की थोक और फुटकर बाजार में बहुत बुरा हाल है। इसके व्यापारी किसी तरह बेचकर अपना पैसा छुड़ाने की जुगत में लगे रहते हैं। इस समय थोक बाजार में प्याज 5 से 8 रुपये प्रतिकिलो के भाव में बिक रहा है। एक ज़माना था जब प्याज 40 से भी ऊपर के रेट पर बिका करते थे।

वहीं बीफ की बंदी ने प्याज की हालत और खराब कर दी है। फुटकर बाजार में दो दिन के अंदर प्याज के दाम में एक रुपये से डेढ़ रुपये प्रतिकिलो की गिरावट आई है।

गोश्त में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल ज्यादा: शाहनवाज हुसैन का कहना है कि अमूमन लहसुन, प्याज का इस्तेमाल गोश्त पकाने में अच्छा खासा किया जाता है। लेकिन चार पांच दिनों में जैसे बीफ पर बैन सरकार ने लगाया तो इन दोनों चीजों की बिक्री पर भी बुरा असर पड़ा है। उनका कहना है कि कुछ लोग घुइयां का भी इस्तेमाल मांस के साथ करते हैं।

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