बैंकों का डर्टी गेम : आरबीआई में जमा कराए नकली नोट, अब आए रडार पर

बैंको का डर्टी गेमइलाहाबाद। पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से महीनों पहले ही कुछ बैंको का डर्टी गेम शुरू हो चुका था । ये खेल था नकली नोटों को आरबीआई में जमा कराने का । इस खेल का पर्दाफाश करते हुए आरबीआई ने चार बैंको के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवायी है।

बैंको पर आरोप है कि नोटबंदी से पहले ही इन बैंको ने नकली नोटो को बैंक में जमा करने का खेल शुरू कर दिया था। बैंकों की इस कारस्तानी का पर्दाफाश भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किया है।

बैंको के खिलाफ एफआईआर होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मामला बैंक से जुड़ा होने के कारण इसकी जांच खुफिया एजेंसी भी कर रही हैं, जिसके रडार पर कई बैंक अधिकारी और कर्मचारी आ गए हैं।

माना जा रहा है कि बैंकों में 1000 और 500 रुपए ही नहीं, बल्कि 100 रुपए के नकली नोट का भी खेल किया गया।

पुलिस का मानना है कि बैंक में कई स्तर पर और तकनीकी तौर पर भी नोटों की जांच की जाती हैं, जिससे असली और नकली का पता चलता है। लेकिन सच्चाई का पता आरबीआई से लगना बैंक कर्मियों और अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाता है।

फिलहाल नकली नोटों के जरिए भारतीय अर्थव्यस्था को चोट पहुंचाने वाले लोगों के बारे में पुलिस गहराई से जांच-पड़ताल कर रही है। जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आ सकती हैं। आरबीआई के निर्देश पर पुलिस ने अब तक शहर के चार बैंक मैनेजरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

इन बैंकों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

आरबीआई ने इलाहाबाद स्‍थित मुट्ठीगंज शाखा सेंट्रल बैंक, खुल्दाबाद के बैंक ऑफ बड़ौदा, सिविल लाइंस स्‍थित इलाहाबद बैंक और कटरा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ संबंधित थाने में केस दर्ज कराया गया है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ 8 जनवरी 2017 को कर्नलगंज थाने में दो केस दर्ज कराए हैं।

आरोप है कि जून 2016 में एक हजार, 500 और 100 रुपए की नकली मुद्रा आरबीआई में जमा की गई।

सभी बैंक प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर आरबीआई कानपुर के अधिकारियों की ओर से कराई गई है।

एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि आरबीआई में नकली नोट जमा करने के मामले में बैंक प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जिसकी जांच की जा रही है, जांच के बाद आरोप साबित होने पर आवश्‍यक कार्रवाई की जाएगी।

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