इस बात पर नो कहना पड़ेगा मंहगा, लोगों के लिए बजी खतरे की घंटी, मोदी का ‘राइट हैंड’ कर देगा तबाह

बैंकिंग प्रणालीनई दिल्ली। फंसे हुए कर्जो से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का स्वागत करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को कहा कि इससे बैंकिंग प्रणाली के लिए अधिकतम वसूली करने में मदद मिलेगी। एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने बीटीवीआई को एक साक्षात्कार में कहा, “यह बहुत ही स्वागतयोग्य कदम है, क्योंकि उम्मीद है कि इससे समयबद्ध तरीके से निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इस प्रस्ताव मकसद बैकिंग प्रणाली के लिए अधिकतम वसूली करना है।”

उन्होंने यह ध्यान दिलाते हुए कहा कि कर्जदाताओं का संयुक्त फोरम बहुत अधिक प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा, “तेजी से निर्णय लेने की जरूरत है। प्रस्ताव जल्द से जल्द लाने की जरूरत है। सभी विकल्पों पर चर्चा होनी चाहिए। यह हमेशा के लिए नहीं हो सकता कि निर्णय नहीं लिया जाता है।”

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान संपत्ति वर्गीकरण मानदंडों के तहत, यह वांछनीय नहीं है कि बैंक बिना कोई निर्णय लिए संपत्ति की गुणवत्ता में और गिरावट की प्रतीक्षा करें। उन्होंने कहा, “बैंकरों के पास एक-दो तरीके तय करने के अलावा ज्यादा विकल्प नहीं हैं।”

सरकार ने पांच मई को अध्यादेश लाकर आरबीआई को यह अधिकार दिया था कि वह बैंकों को कर्जदारों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे। इस अध्यादेश से आरबीआई को यह अधिकार भी मिला कि वह फंसे हुए कर्जो पर बैंकों को सलाह देने के लिए एक निरीक्षण समिति नियुक्त करे।

LIVE TV