बीजेपी नेताओं से लोगों ने मांगा काम का हिसाब तो आ गई हाथापाई की नौबत !

चुनावों का दौर है, फिर सपनों का कारोबार होगा, खरीददार ग़रीब होगा, ख्वाबों का कत्ल हर बार होगा. इस एक पंक्ति में आज की खबर का सार छिपा है. गौर किया होगा आपने, चुनाव आते ही नेता चुनावी मैदान में एक्टिव हो जाते हैं, वोटरों को बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं, कई वादे करते हैं, फिर आखिर में चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते हैं.

ऐसा शायद ही कभी देखने को मिलता है जब जनता से किए वादे पूरे होते हों, ऐसा शायद ही कभी देखने को मिलता है जब किसी नेता की तरफ से जनता को दिखाए सपनों को सच करने की कोशिश भी की जाती हो. खैर, चुनाव बीतने के बाद पब्लिक भी इसे सच मानकर सब भूल जाती है.

लेकिन यूपी के सलेमपुर में कुछ अलग हुआ है. यहां की पब्लिक ने नेताजी के दिखाए सपनों का हिसाब मांग लिया. उनके वादों का ब्योरा मांग लिया. नेताजी चुनाव प्रचार करने आए थे, वोट मांगने आए थे लेकिन उन्हें उल्टे पैर वापिस भागना पड़ा.

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सलेमपुर से बीजेपी सांसद हैं रविंद्र कुशवाहा, बीजेपी ने फिर से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है, इसीलिए जनता के बीच वोट मांगने पहुंचे. तभी उनकी गांव वालों से बहस हो गई. सांसद के साथ इलाके के बीजेपी विधायक काली प्रसाद भी थे.

गांव वालों ने सांसद को गाड़ी से नीचे तक नहीं उतरने दिया. मामला इतना बिगड़ गया कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. नेताओं के विरोध का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें इतनी गाली है कि हम वीडियो आपको ना ही सुना सकते और ना दिखा सकते.

सांसद की गाड़ी को देखते ही लोगों ने कहना शुरू कर दिया:

सांसद के यहां किसी काम से जाने पर वो पहचानते नहीं हैं और लोगों का अपमान करते हैं, आज वोट मांगने आए हैं.

 

इस बात को लेकर सांसद और विधायक गांव वालों से उलझ गए. गांववालों के विरोध के बाद विधायक समझाने के लिए गाड़ी से उतरते हैं लेकिन लोगों के विरोध को वो संभाल नहीं पाते हैं.

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सांसद और विधायक की इस बात पर लोग और भड़क गए और सांसद के काफिले को गांव से बाहर भगाने लगे. गांववालों के विरोध के बाद सांसद और विधायक गांव से चले जाते हैं.

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