जो बिरयानी आप खा रहे हैं, कहीं उसमे ज़हर तो नहीं

बिरयानीकोलकाता| कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने बिरयानी में तय मात्रा से अधिक रसायनों की मिलावट पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कोलकाता के मेयर-इन-काउंसिल के सदस्य अतिन घोष ने कहा, “हमने बिरयानी के कुछ नमूनों में कृत्रिम रंगों सहित कुछ हानिकारक रसायन पाए हैं, जिनकी मात्रा तय मानक से अधिक है।”

बिरयानी में रंगों का प्रयोग

घोष ने कहा, “हमने राज्य खाद्य आयोग से मंजूरी ली है, ताकि उन रेस्तरांओं व दुकानों पर कार्रवाई की जा सके, जो इस तरह के रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उचित कानूनी कार्रवाई के लिए हमने कानून विभाग से संपर्क किया है।”

बिरयानी के नमूनों की जांच में मेटालिक डाई की उपस्थिति का खुलासा हुआ है, जो एक औद्योगिक डाई है और इससे कैंसर होता है। यह बिरयानी के चावल को पीला रंग देता है। इसके लिए प्राय: केसरिया रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

घोष ने कहा, “अधिकांश मामलों में सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी में मेटलिक रंग का इस्तेमाल होता है न कि केसरिया रंग का।”

खाद्य प्रौद्योगिक विशेषज्ञ उत्पल रायचौधरी के मुताबिक, मेटलिन येलो के खाद्य पदार्थो में इस्तेमाल की मंजूरी नहीं है, लेकिन बेहद सस्ता होने के कारण इसका देश में धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है।

रायचौधरी ने कहा, “यह खतरनाक जहरीला रसायन है, जो सीसा आधारित है और किडनी तथा हृदय में जमा होता है। यह किडनी और दिल की समस्या पैदा करने के साथ ही कैंसर का जोखिम भी बढ़ाता है।”

हाल के अध्ययन में ब्रेड में हानिकारक रसायन होने की बात सामने आने के बाद कोलकाता नगर निगम ने पिछले महीने शहर में कुछ उत्पादों की जांच शुरू की है।

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