बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चलाने पर उम्रकैद, दस लाख जुर्माना

बिना लाइसेंसहाथरस। एडीजे एसएन त्रिपाठी की कोर्ट ने आज हाथरस जिले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले एक मेडिकल स्टोर संचालक को बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चलाने के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई।

कोर्ट ने दस लाख रुपये का जुर्माना भी ठोंका गया।

हाथरस जिले के तत्कालीन औषधि निरीक्षक मनुशंकर ने 9 मार्च 2010 को बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चलने पर सादाबाद के गांव मंस्या में छापा मारा।

टीम को 100 प्रकार की औषधियों के क्रय बिल नहीं मिले। दुकान से बरामद कुछ दवाएं आइसीडीएस की पाई गई थी, जो केवल सरकारी आपूर्ति के लिए होती हैं। इन दवाओं के नमूने लिए गए।

पुलिस ने संचालक संतोष कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। छह साल से मामला न्यायालय में विचाराधीन था।

गवाह व सबूतों के आधार पर कोर्ट ने संतोष कुमार को दोषी करार दिया। औषधि अधिनियम की धारा 18/27 में आजीवन कारावास के अलावा 10 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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