बांग्लादेश-भारत सीमा पर फंसे 6 रोहिंग्या शरणार्थी को जेल से मिली रिही

जेल से छह पुरुष रोहिंग्या मुसलमानों को रिहा किये जाने के साथ ही पिछले चार महीने से भारत-बांग्लादेश सीमा पर फंसे सभी 31 शरणार्थी अब स्वतंत्र हो गये हैं. उनके वकील ने गुरुवार को यह जानकारी दी. 31 लोगों के इस समूह की आठ महिलाओं और 17 बच्चों को पहले ही रिहा कर दिया गया था.

Rohingya

छह रोहिंग्या पुरुषों को बुधवार रात को रिहा किया गया. देश में रोहिंग्याओं के लिए कार्य कर रहे संगठन रोहिंग्या रिफ्यूजी कमिटी (आरआरसी) ने उनका जमानत बांड भरा था. पश्चिम त्रिपुरा जिला और सत्र न्यायाधीश एस एल त्रिपुरा ने सोमवार को इन छह लोगों को जमानत दी थी. उनके वकील प्रसेनजीत देबनाथ ने यह जानकारी दी.

आरआरसी ने ही आठ महिलाओं और 17 बच्चों की खातिर भी जमानत राशि भरी थी तथा उन्हें मंगलवार को बिशालगढ़ जेल से रिहा किया गया था. अदालत ने 22 जनवरी को इन महिलाओं और बच्चों को जमानत दी थी जबकि बाकी छह रोहिंग्या पुरुषों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

इसके बावजूद इन महिलाओं और बच्चों को जेल में ही रहना पड़ा क्योंकि उनकी जमानत राशि भरने कोई आगे नहीं आया. जज त्रिपुरा ने सोमवार को उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया क्योंकि हरेक के लिए 5000-5000 रुपये का जमानत बांड आरआरसी ने भरा.

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जम्मू कश्मीर से आए ये 31 रोहिंग्या त्रिपुरा में भारत -बांग्लादेश सीमा पर बाड़बंद तार के बाद नोमैंस लैंड में 18 जनवरी को फंस गये थे. सीमा सुरक्षा बल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से परामर्श करने के बाद उन्हें 22 जनवरी को पश्चिम त्रिपुरा जिले में अमटोली थाने के हवाले कर दिया था. उन्हें बाद में अदालत में पेश किया था.

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