प्‍लास्टिक के लंच बॉक्‍स और एल्युमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल करना पड़ सकता है महंगा, जानिए क्यों

मैं रोज सुबह जल्‍दी उठकर अपने दोनों बच्‍चों के लिए टेस्‍टी लंच बनाती हूं, और उसे एल्‍यूमिनियम फॉयल में लपेटकर प्‍लास्टिक के डिब्‍बे में पैक करके अपने बच्‍चों को देती हूं। शायद एक मां होने के नाते आप भी ऐसा ही करती होगीं। लेकिन क्‍या ऐसा करना सही हैं। शायद बिल्‍कुल नहीं, मुझे भी इस बात की जानकारी सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट, रुजुता दिवेकर के इंस्‍टाग्राम अकाउंट को देखने के बाद पता चली। इसलिए मैं अपने जैसी बहुत सारी मांओं को ये बात बताना चाहती हूं कि एल्‍यूमिनियम फॉयल और प्लास्टिक टिफिन बॉक्स बच्‍चों की हेल्‍थ के लिए बिल्‍कुल भी अच्‍छा नहीं हैं। आइए इस बारे में विस्‍तार से जानें।

बच्‍चों के लिए खतरनाक है प्लास्टिक के डिब्बे और एल्युमिनियम फॉयल, जाने कैसे
रूजुता खुद भी एक मां हैं और बच्‍चों के लिए हेल्‍थ बेनिफिट्स को अच्‍छे से समझती हैं। अपने एक इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट में, उन्‍होंने कैप्‍शन दिया, ”स्कूल के लंच के लिए कोई प्लास्टिक डब्बा और एल्युमिनियम फॉयल नहीं। इसकी बजाय स्टील डब्बा और मलमल के कपड़े का उपयोग करें। पानी के लिए, स्टील या तांबे की बोतल का उपयोग करें।”
लेकिन ज्‍यादातर महिलाओं के मन में ये ख्‍याल आता हैं कि अगर एल्युमिनियम फॉयल और प्लास्टिक टिफिन बॉक्स का इस्‍तेमाल नहीं चाहिए। तो विकल्प क्या है? जैसे कि रुजुता ने बताया कि आप स्टील के टिफिन बॉक्स और मलमल के कपड़े का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। आइए जानें हमें प्‍लास्टिक के लंच बॉक्‍स और एल्युमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल क्‍यों नहीं करना चाहिए।

प्लास्टिक के नेगेटिव प्रभाव

  • खाने को पैक करने के लिए आप स्‍टील के टिफिन बॉक्‍स या मलमल के कपड़े का इस्‍तेमाल कर सकती है।
  • प्‍लास्टिक में हानिकारक केमिकल होते हैं जो हार्मोनल असंतुलन पैदा करके बीमारियों का कारण बनते हैं और मानसिक हेल्‍थ को भी प्रभावित करता है।
  • एल्युमिनियम बॉडी में जगह बनाकर इंसुलिन के कामकाज को प्रभावित करता है।
  • प्‍लास्टिक का उपयोग कम करना, पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्‍छा होता है।
  • प्लास्टिक बॉक्स से खाने में अजीब तरह की स्‍मैल आने लगती है, इससे खाने का टेस्‍ट बदल जाता है।
  • किसी तरह से प्लास्टिक का इस्‍तेमाल इनफर्टिलिटी का कारण बनता है।
  • प्लास्टिक में जहरीले तत्‍व मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
  • प्लास्टिक के बक्सों को कभी गर्म न करें। यह हानिकारक केमिकल को बाहर निकालता है।

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एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान

सिर्फ प्लास्टिक ही नहीं, बल्कि एल्युमिनियम फॉयल भी आपकी हेल्‍थ के लिए उतनी ही खराब है। क्या एल्युमीनियम में खाना पैक करना या गर्म सुरक्षित है? यह सवाल हमारी कल्पना को कई बार झकझोर देता है। एल्युमिनियम के नियमित सेवन से अल्जाइमर और सूजन आंत्र रोग जैसी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अपने डेली डाइट में एल्युमिनियम फॉयल के इस्‍तेमाल को कैसे कम करें? क्‍योंकि इससे पूरी तरह से बचना मुश्किल है, लेकिन यहां आप क्या कर सकते हैं, आइए हम आपको बताते हैं।

  • एल्युमिनियम में खाने को गर्म करने या पैक करने से बचें। माइक्रोवेव या अवन में खाना बनाते समय भी आप एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल ना करें।
  • एल्युमिनियम फॉयल में टमाटर और नींबू पकाने से बचने की कोशिश करें। जी हां एसिडिक चीजों को फॉयल पेपर में रखने से बचें। इससे चीजें जल्दी खराब हो सकती हैं या फिर उनका केमिकल बैलेंस भी बिगड़ सकता है।
  • यहां तक की घर पर भी आप एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल ना करें, इससे किडनी या हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • आप खाना पकाने के लिए गैर-एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं जैसे कांच या चीनी मिट्टी के बरतन आदि।

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