प्रेरक-प्रसंग

प्रेरक-प्रसंगकर्णवास का एक पंडित महर्षि दयानंद सरस्वती को प्रतिदिन गालियाँ दिया करता था, पर महर्षि शांत भाव से उन्हें सुनते रहते और उसे कुछ भी उत्तर न देते।

एक दिन जब वह गाली देने नहीं आया तब महर्षि ने लोगों से उसके न आने का कारण पूछा। लोगों ने बताया, “वह बीमार है।”

महर्षि फल और औषध लेकर उसके घर पहुँचे। वह महर्षि को देखकर उनके चरणों में गिर पड़ा और अपने व्यवहार के लिए क्षमा माँगने लगा। इसके बाद उसका गाली देना सदा के लिए छूट गया।
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