प्रेरक प्रसंग : उम्र की सीमा पार

हरलेन सैंडर्स बूढ़े और गरीब थे। उनका जीवन असफलताओं से भरा हुआ था। वह जो भी काम करते, उसमें उन्हें निराशा हाथ लगती। लेकिन उनमें एक खासियत थी। वह असफलताओं से नहीं घबराते थे। जब उनका कोई आइडिया काम नहीं आया तो काफी सोच-विचार कर उन्होंने केंटुकी फ्राइड चिकन फ्रैंचाइजी खोलने की सोची। तब उनकी उम्र 60 वर्ष हो चुकी थी। लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं थी। उन्होंने पहले स्वयं रिसर्च किया।

प्रेरक प्रसंग

आवश्यक जानकारी एकत्र करने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे कि अगर ढंग से अमल किया जाए तो उनका यह आइडिया कमाल कर सकता है। इसके बाद वह अनेक रेस्तरां मालिकों के पास गए। लेकिन वृद्ध सैंडर्स का रेस्तरां मालिकों ने मजाक उड़ाकर उन्हें बाहर कर दिया।

सब तरफ से निराशा मिलने पर भी सैंडर्स डटे रहे। कोई और उपाय न देख उन्होंने स्वयं केंटुकी फ्राइड चिकन फ्रैंचाइजी का व्यवसाय शुरू किया। उस उम्र में भी अपना व्यवसाय जमाने के लिए वह कड़ी मेहनत करने लगे।

मेहनत करने में उनका कोई सानी न था। अपनी मेहनत से उन सभी रेस्तरां मालिकों को जवाब देना था, जिन्होंने उनकी विधि को न सिर्फ अस्वीकार किया था बल्कि उनका मजाक भी उड़ाया था। हैरानी उन तमाम रेस्तरां मालिकों को तब हुई जब कुछ ही समय में केंटुकी फ्राइड चिकन फ्रैंचाइजी सफलता का कीर्तिमान बनाने लगे। ग्राहकों में उनकी भारी मांग होने लगी।

सैंडर्स ने अपने दम पर मात्र 87 डॉलर की सहायता से यह बिजनेस शुरू किया था। आज दुनिया भर में केंटुकी फ्राइड चिकन के फ्रैंचाइजी खुले हुए हैं। सैंडर्स ने इस व्यवसाय में बेशुमार सफलता अर्जित करके सबको यह बता दिया था कि यदि मन में लगन, धैर्य और विश्वास हो तो उम्र सफलता की राह में में बाधा नहीं बन सकती।

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