पूर्व गृहसचिव ने दी हुर्रियत को नजरअंदाज करने की सलाह

पूर्व गृहसचिवनई दिल्ली| पूर्व गृहसचिव जी. के. पिल्लई ने मंगलवार को केंद्र सरकार से जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादियों का नेतृत्व करने वाली हुर्रियत को अगले दो वर्षो तक नजरअंदाज करने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि वर्षो बाद हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के भीषण दौर से गुजर रही कश्मीर घाटी में शांति बहाली के उद्देश्य से गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से अलगाववादी नेताओं ने मिलने से भी इनकार कर दिया।

सीमा सुरक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए पिल्लई ने सम्मेलन से इतर पत्रकारों से कहा, “अगर वे बातचीत के इच्छुक नहीं हैं तो अगले दो वर्षो के लिए हुर्रियत नेताओं को नजरअंदाज किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “यह मुद्दा गौण और मामूली है। हमें स्थानीय लोगों को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि वे अपने बच्चों की शिक्षा और नौकरियों को लेकर कहीं अधिक गंभीर हैं।”

पिल्लई ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर की अवाम की रुचि मूलभूत रोजमर्रा की चीजों और आर्थिक मामलों में कहीं अधिक है।

पिल्लई ने बाद में आईएएनएस से बातचीत में कश्मीर की आम अवाम को सशक्त बनाने और पंचायतों को अधिक सक्षम बनाने पर जोर दिया और कहा कि सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा में यह कहीं अधिक कारगर साबित होगा और राज्य में बड़े सुधार का वाहक बनेगा।

सोमवार को कश्मीर घाटी से लौटे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्वकर्ता गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मिलने से इनकार करने पर अलगाववादी नेताओं की आलोचना की और कहा कि ‘उन्होंने कश्मीरियत और इंसानियत का परिचय नहीं दिया’।

LIVE TV