पुलवामा अटैक पर वीके सिंह का करारा तंज, कहा- मच्छर मारकर सो जाता हूं, गिनने नहीं बैठता

नई दिल्ली। पुलवामा हमले को लेकर पाक और भारत के बीच जो तनाव पैदा हुआ था, उसमें कहीं न कहीं नरमी दिखाई देने लगी है। लेकिन देश के भीतर अभी भी इस मामले को लेकर स्थिति काफी उबाल खा रही है।

कारण यह है कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा ना रहकर अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है। जिस पर सभी सियासी दल अपनी रोटियां सेंकने से नहीं चूक रहे हैं।

बता दें विपक्षी दल केंद्र शासित मोदी सरकार पर इस मामले का राजनीतिकरण कर लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रयोग करने का आरोप लगा रहा है। साथ ही पुलवामा अटैक के बाद भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक मारे गए लोगों का ब्यौरा मांग रहा है।

वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के दिग्गज नेता विपक्षी दलों का मुंह बंद करने के लिए तरह-तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। ताजा मामले में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट करते हुए विपक्षी डिमांड पर तगड़ा तंज कसा।

उन्होंने मजाकिया लहजे में पलटवार करते हुए कहा कि यदि मैं रात को मच्छर मारकर सो जाता हूं, तो उन्हें गिनने नहीं बैठता हूं। विपक्ष को यदि एयर स्ट्राइक की डिटेल जानने की इतनी उत्सुकता है तो उन्हें एयरफोर्स के जहाजों के साथ चले जाना चाहिए था। ताकि जो कुछ भी हुआ वे अपनी आंखों से देख आते।

खबरों के मुताबिक़ विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने बुधवार सुबह एक ट्वीट शेयर कर विपक्षी नेताओं पर तंज कसा। वी के सिंह ने एक जोक शेयर करते हुए लिखा कि अगर मैं रात को मच्छर मारकर सो जाता हूं, उन्हें गिनने नहीं बैठता हूं। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को भी विपक्ष पर करारा वार किया था।

बता दें इस ट्वीट के बाद जनरल वी के सिंह ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि मेरा विपक्षियों को एक सुझाव है, वहां पर चले जाएं देख आएं, गिन लें और आ जाए। अगर पूछते रहेंगे तो कुछ नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता एयरफोर्स के जहाजों के साथ चले जाते बम के साथ और गिनकर आ जाते। अगर विपक्ष गिनना चाहता है तो यही एक तरीका है।

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विपक्ष के सवाल उठाने पर और पाकिस्तान में हेडलाइन बनने पर जनरल वी के सिंह का कहना है कि हमारे यहां अमूमन होता है, हम राजनीति का फायदा उठाने के लिए जब विरोध करते हैं तो देश को उससे नुकसान होता है।

अगर यह समझदारी से काम लें तो फिर देश कितना आगे चला जाए। इनके पास कुछ कहने के लिए है नहीं तो यही कहेंगे। जब राजनीति के अंदर लोग बहुत नीचे स्तर पर गिरना चाहते हैं उनका कुछ नहीं किया जा सकता है।

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