आज से नहीं, मोदी के खिलाफ 20 सालों से जंग लड़ रही है ये मशहूर पत्रकार

पीएम मोदीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों को लेकर जितना चर्चा में रहते हैं उससे ज्यादा उन्हें आलोचना का भी शिकार होना पड़ता है। मोदी की खिलाफत करने वालों में बरखा दत्त का नाम सबसे पहले लिया जाता है। आपको बता दें कि बरखा दत्त मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही नहीं उससे काफी पहले से ही उनकी खिलाफत करती आई हैं।

बरखा दत्त और प्रधानमंत्री मोदी की 20 साल पहले हुई ऐसी ही तीखी बहस का एक वीडियो अब सामने आया है। इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी ने बरखा दत्त को करारा जवाब दिया है।

पीएम मोदी पर बरखा दत्त का हमला

दरअसल साल 1996 में नरेंद्र मोदी ने एनडीटीवी की पत्रकार बरखा दत्त को एक इंटरव्यू दिया था जिस समय वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता जा रहा है। बरखा दत्त ने पीएम मोदी पर गुजरात में कम मतदान की वजह पूछी जिसका पीएम मोदी ने बखूबी जवाब दिया है।

इस इंटरव्यू की सबसे ख़ास बात यह है कि मोदी अंग्रेजी भी बोलते नज़र आ रहे हैं। साल 1996 में हुए लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की कुल 26 लोक सभा सीटों में से 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। दरअसल एनडीटीवी की पत्रकार बरखा दत्त ने पीएम मोदी से कम मतदान की वजह पूछी। इसपर मोदी ने बड़े शालीनता से जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के मैदान में कांग्रेस में कोई दम ही नहीं था। और जब प्रतिस्पर्धी में कोई ताकत नहीं होती है तो लड़ाई का मजा नहीं आता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब मजा नहीं आता है तो लोगों में उत्तेजना नहीं आती, उत्तेजना नहीं आती तो वोटिंग टर्नआउट में भी कठिनाई आती है।

आपको बता दें कि 1996 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को कुल 161 सीटों पर। वहीं, कांग्रेस को 140 सीटों पर जीत मिली थीं। लेफ्ट फ्रंट को उस साल के लोक सभा चुनाव में 52 सीटें मिली थीं।

1995 के गुजरात विधान सभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की 182 सीटों में से 121 सीटों पर जीत मिली थी।

ख़बरों की मानें तो उस समय ज़्यादातर पार्टी विधायक शंकर सिंह वाघेला को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में थे। हालांकि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने केशुभाई पटेल को सीएम बनाने का फैसला लिया।

इतना ही नहीं, बताया जाता है की पटेल के मुख्यमंत्री बनाने के पीछे पीएम मोदी का सबसे बड़ा हाथ है। पटेल को सीएम बनाए जाने से नाराज वाघेला ने सितंबर 1995 में पार्टी के 47 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी जिसके बाद समझौते के तहत बीजेपी ने पटेल की जगह वाघेला के करीबी माने जाने वाले सुरेश मेहता को राज्य का सीएम बना दिया था।

1996 के लोक सभा चुनाव पर गुजरात बीजेपी के अंदरूनी कलह की छाया साफ़ थी क्योंकि बीजेपी समर्थक केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला के बीच बंटे नज़र आ रहे थे। इसी कड़ी में बरखा दत्त ने गुजरात बीजेपी के अंदरूनी टकराव का हवाला देते हुए मोदी से पूछा कि गुजरात में शंकर सिंह वघेला की रैली पर कुछ लोगों ने पथराव किया था और वीएचपी-आरएसएस के साधुओं ने वघेला विरोधी रैली निकाली है। इसपर भी नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी जानकारी सही नहीं है क्योंकि वह गुजरात से ही आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी रैली पर कहीं पथराव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि  आरएसएस या वीएचपी के कोई साधू होते ही नहीं हैं, लेकिन संत नाराज थे क्योंकि वघेला समर्थक कुछ बंधुओं ने ऐसे कुछ बयान दे दिया था जिससे उन्हें बहुत चोट पहुंची थी जिससे नाराज होकर उन्होंने कुछ एजीटेसन कर दिया था लेकिन आरएसएस-वीएचपी के लोगों ने उन्हें समझा कर एजीटेसन वापस करवा लिया था।

देखें वीडियो :

[youtube https://www.youtube.com/watch?v=3KFJehnyCSo]

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