पीएनबी की वही शाखा फिर हुई करोड़ों के घोटाले का शिकार, नीरव मोदी ने…

मुंबई। पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस शाखा से चंद्री पेपर्स एंड एलाइड प्रोडक्ट्स कंपनी को 9 करोड़ रुपए के फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेंकिंग्स (एलओयू) जारी किए जाने को लेकर पीएनबी के 8 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बुधवार को इसकी जानकरी सीबीआई ने दी।

जानकारी देते हुए सीबीआई ने बताया कि अप्रैल 2017 में एंटवर्प (बेल्जियम) स्थित एसबीआई की शाखा के नाम पर 2 एलओयू जारी किए गए थे। चंद्री पेपर्स एंड प्रोडक्ट्स कंपनी ने रकम नहीं लौटाई। एलओयू वह सुविधा है जिसके जरिए बैंक यह गारंटी देता है कि उसका ग्राहक विदेशी बैंक से ली गई राशि का भुगतान कर देगा।

पीएनबी की ब्रेडी हाउस ब्रांच से मनोज खरत (सिंगल विंडो ऑपरेटर), अमर जाधव (सिंगल विंडो ऑपरेटर), सागर सावंत (सिंगल विंडो ऑपरेटर), बच्चू तिवारी (चीफ मैनेजर), यशवंत जोशी (मैनेजर), संजय प्रसाद (ब्रांच हेड), प्रफुल सावंत (अधिकारी), मोहिंदर शर्मा (चीफ इंटरनर ऑडिटर) की गिरफ्तारी हुई है।

गिरफ्तार सभी आरोपी पेपरों की धोखाधड़ी के वक्त उसी ब्रांच में काम कर रहे थे। 21 दिसंबर को इन्हें पुलिस हिरासत में सौंपा जाएगा। इनके अलावा चंद्री पेपर्स एंड एलाइड प्रोडक्ट्स कंपनी के डायरेक्टर ईश्वरदास अग्रवाल और आदित्य रासीवासिया को भी हिरासत में लिया गया है।

सीबीआई ने मार्च 2010 को केस दर्ज किया था। एफआईआर में पीएनबी के रिटायर कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी और सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरत का नाम भी शामिल था। नीरव मोदी के घोटाले में भी सीबीआई इन दोनो के खिलाफ जांच कर रही है।

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आपको बता दें कि इससे पहले पीएनबी से ही नीरव मोदी ने 13500 करोड़ रुपए का घोटाला एलओयू से ही किया था। वह घोटाला भी इसी ब्रेडी ब्रांच में हुआ था। जनवरी में इस घोटाले का खुलासा हुआ। तब तक नीरव विदेश भाग गया था।

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