पाकिस्तान से आई महिला बन गयी यूपी के इस जनपद में ग्राम प्रधान, जानिए कैसे हुआ यह पूरा फर्जीवाड़ा

उत्तरप्रदेश के एटा में एक पाकिस्तानी महिला ग्राम प्रधान बन गयी। जी हाँ सुनने में तो ये एक फिल्मी कहानी जैसी लग रही है ऐसा सोचकर आप चौकिये मत ये एकदम सोलह आने सच है। एटा में ये पाकिस्तानी महिला प्रशासन की चूक के चलते ग्राम प्रधान बन गई। वही आपको अवगत करा दें कि एटा जिले में 35 वर्ष पूर्व पाकिस्तान से भारत के एटा में एक पारिवारिक शादी में शामिल होने पाकिस्तान से भारत आई बानो बेगम उत्तरप्रदेश के एटा जनपद में स्थानीय लोगों की साजिश से ग्राम प्रधान बन गई। इतना ही नहीं उन्होंने बीजा की तारीख बढ़ाकर लगातार चोरी छिपे अपने लगभग 35 साल गुजार दिए और और उसी दौरान उसने जनपद एटा के जलेसर ब्लॉक के गुडाऊ गाँव के एक अख्तर अली नाम के एक मुस्लिम वियक्ति से शादी कर ली और धोखाधड़ी से वह यहां रहती रही। वही पाकिस्तान मूल की ये महिला बानो बेगम को ग्राम प्रधान’ का पद संभालने के बाद से उसके गाँव मे विरोधी बन गए और वो ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ते ही वो मुसीबत में पड़ गई है और स्थानीय ग्रामीणों ने उसकी साख और उसकी आइडेंटडिटी की शिकायत जिले के उच्चाधिकारियों से की तब उसकी जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) द्वारा जाँच कराई गई तो मामला पाकिस्तान मूल की महिला का सही पाया गया। जिसके बाद तत्काल प्रभाव से DPRO ने कार्यवाही करते हुए उसे प्रधान पद से हटाकर उसके खिलाफ और उसकी मदद करने वालों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए है।

आपको बता दें कि ये पूरा मामला जनपद एटा के ब्लॉक जलेसर के गाँव गुदाऊ का है जहाँ एक पाकिस्तानी मूल की महिला बानो बेगम की कहानी है जो पाकिस्तान के कराची से भारत के उत्तरप्रदेश के एटा जनपद के गुदाऊ गाँव मे 35 बर्ष पूर्व अपनी रिश्तेदारी में अपने पिता के साथ एक शादी में शामिल होने आईं थी, शादी के बाद जनपद एटा के गाँव गुदाऊँ के एक व्यक्ति अख्तर अली से शादी कर ली और वो यही की बन के रह गई और अपने बीजा को वो लगातार 35 बर्षों से धोखाधड़ी करते हुए तारीखें बढ़ाते रही। उसने अपनी पाकिस्तानी मूल की पहचान को छुपाकर अपने पति को दर्शाकर उसने अपना आइडेंटी बताने के लिए उसने फर्जी आधारकार्ड बनवा लिया। वही उसने जनपद एटा के ब्लॉक जलेसर के गाँव गुदाऊ से उसने ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाग लिया और 2015 में अपनी ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं, अब उसकी पहचान प्रभारी ग्राम प्रधान के रूप में बन गई, हालाँकि, स्थानीय स्रोतों से यह भी पता चला कि तत्कालीन ग्राम प्रधान शहनाज़ बेगम के निधन के बाद, ध्यान सिंह थे, जिन्होंने शहनाज़ के स्थान पर बानो बेगम के नाम को हटाने की सिफारिश की थी, हालांकि,उन्हें अब गुडाऊ ग्राम पंचायत के पद से हटाया गया है। इसके अलावा, जांच उन सभी लोगों के खिलाफ की जा रही थी जिन्होंने बानो को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बनवाने में मदद की थी। धोखाधड़ी करने में उसकी मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर बाद में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही जिला पंचायती राज अधिकारी(DPRO) आलोक प्रियदर्शी ने बानो बेगम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिये है।

एटा जनपद के जलेसर तहसील के अंतर्गत ग्राम गुदाऊ में घटना की सूचना मिली थी, इसके अलावा उसने गाँव में अपने लिए एक सम्मान अर्जित किया और इसलिए उसे पिछले ग्रामीण निकायों के चुनावों में ग्राम पंचायत का सदस्य चुना गया, इस साल 9 जनवरी को तत्कालीन प्रधान शहनाज बेगम के निधन के बाद, गुदायु ग्राम के पंचायत के सभी सदस्यों ने एक मीटिंग कर पंचायत सदस्य बानो बेगम को आपस मे सलाह मशुवरा कर उसे ग्राम प्रधान के प्रभार की जिम्मेदारी देकर पदभार ग्रहण कराते हुए उसे ग्राम प्रधान का प्रभार सौंपा दिया। लेकिन जब उसके पाकिस्तानी मूल के बारे में बात फैली, तो उसने इस महीने के पहले हफ्ते में अपना इस्तीफा सौंपकर प्रभारी ग्राम प्रधान प्रभारी का पद छोड़ दिया, हालांकि, डीपीआरओ ने उसकी पाकिस्तानी होने की जांच की तो वो सही पाया और उसने भारत की नागरिकता नही ली है जो अभी तक बाकी है। नतीजतन, उन्होंने गांव के सचिव को आदेश दिया कि उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएं। वही ग्राम पंचायती राज अधिकारी (DPRO) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि 10 दिसंबर 2020 को ग्राम प्रधान प्रभारी के रूप में बानो बेगम की नियुक्ति की गई थी। वही दूसरी ओर, जांच के बाद, पुलिस अधिकारियों ने पाया कि वह एक पाकिस्तानी नागरिक बनी हुई है, लेकिन उसने अवैध तरीकों से अपना वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड बनवा लिया था। वही DPRO आलोक प्रियदर्शी ने गुदायु ग्राम पंचायत के सचिव ध्यान सिंह को बानो बेगम के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।

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