पहले झोलाछापों से वसूली और अब फर्जी टेंडर निकाल कर एक व्यापारी से ठग लिए 14 लाख रुपये से अधिक

सीएमओ के हस्ताक्षर बनाकर ठगी करने का सिलसिला लगातार जारी है। पहले झोलाछापों से वसूली और अब फर्जी टेंडर निकाल कर एक व्यापारी से 14 लाख रुपये से अधिक ठग लिए गए। मामले की शिकायत एसएसपी से की गई तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी। सामने आया कि आरोपित अनुराग मिश्रा ने अलग अलग छह सीएचसी के काम दर्शा कर छह करोड़ के फर्जी टेंडर जारी किए थे।

सिविल लाइंस में रेस्टोरेंट व्यापारी दिनेश सिंह बिस्ट ने एसएसपी से की शिकायत में बताया कि उससे ठगी करने वाला युवक कैंट के भऔपुर का रहने वाला है। वह रेस्टोरेंट पर आता था, वहीं उनकी मुलाकात हुई। वह अक्सर बड़े अधिकारियों की बात कर टेंडर और काम दिलाने की बात करता रहता था। एक दो बार वह सीएमओ कार्यालय साथ ले गया, जहां उसने बड़े अधिकारियों से मुलाकात कर अपना वर्चस्व दिखाकर उसे झांसे में ले लिया। एक दिन बताया कि स्वास्थ्य विभाग में करोड़ोंं के टेंडर निकलने वाले हैं वह चाहे तो उसे दिला सकता है।

कमीशन देने की बात कहने के बाद उसने सीएमओ के हस्ताक्षर वाला एक कागज उसे दिया। जिसमें आंवला, फरीदपुर, नवाबगंज, मीरगंज, बहेड़ी और सदर क्षेत्र में रंगाई, पुताई और निर्माण आदि के कार्यों का उल्लेख था। आरोपित अनुराग मिश्रा ने उसे दो अलग अलग एकाउंट देकर बताया कि यह सीएमओ की बेटी और एक अन्य अधिकारी का है। इन खातों में उसने कई बार में सात लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर कराई और सात लाख रुपये तीन बार में कैश लिया। सीएमओ और डीएम के आवास तक ठग की पहुंच पीड़ित दिनेश ने बताया कि अनुराग मिश्रा उसे कई कई बार सीएमओ ऑफिस ले गया।

इसके अलावा कभी डीएम आवास और सीएमओ आवास पर ले गया। वह अधिकारियों से ऐसे मिलता था जैसे उसकी पुरानी जान पहचान और यारी हो।खुद को माननीय का भांजा बताता ठगकैंट क्षेत्र के गांव भौआपुर निवासी अनुराग खुद को बिथरी चैनपुर क्षेत्र के एक माननीय का भांजा बताता था।उसने सीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला से भी कई बार माननीय का नाम लेकर काम कराने और मुलाकात करने का प्रयास किया। बताया कि वह पहले भी कई बार ठगी का प्रयास कर चुका है। हाल ही में फार्मासिस्ट की नौकरी के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये भी इसी युवक ने लिए थे।

गुंजन नहीं मेरी बेटी का नाम : सीएमओ ठग अनुराग मिश्रा ने पीड़ित दिनेश को सीएमओ की बेटी का खाता बताकर भी करीब तीन लाख रुपये ट्रांसफर कराए थे। इस संबंध में सीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला ने कहा कि उनकी बेटी का नाम गुंजन नहीं है। बताया कि उनकी बेटी गाइनोलॉजिस्ट है। पुलिस जब जांच करेगी तो स्वत: सारी स्थिति साफ हो जाएगी।

शिकायती पत्र में लगाए गए आरोप गंभीर थे। मामले की जांच कोतवाली पुलिस को दी गई है। उन्हें जल्द जांच पूरी करने को कहा गया है। – शैलेश पांडेय, एसएसपी

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