दादी-नानी के नुस्‍खे : पेट के रोगों के लिए वरदान है पपीता

पपीता आप मोटे हैं या पाचनतंत्र में गड़बड़ी है ? आंतें कमजोर हैं या भूख नहीं लगती ? या फिर कब्‍ज और पीलिया से पीडि़त हैं तो पपीता का सेवन शुरु कर दीजिए, पपीते को पेट के लिए तो वरदान माना गया है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। यह आपके पेट का भी खयाल रखता है और त्वचा की खूबसूरती का भी। यह कई बीमारियों से दूर रखता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ है। एक अदद पपीता आपके ऐसे दजर्नों सवाल का जवाब है। जी हां, अपनी खानपान में पपीता को जगह दीजिए और फिर देखिए इसका कमाल। यह पेट का ख्याल तो रखेगा ही, आपके चेहरे पर चमक लाकर आपको खूबसूरत भी बनाएगा। इसमें मौजूद विटामिन ए, बी, डी, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह आदि इसे सेहत का खजाना बना देते हैं। पपीते का रस अरुचि, अनिद्रा, सिरदर्द, कब्ज व आंव-दस्त आदि रोगों को ठीक करता है। आपको भूख नहीं लगती या पेशाब ठीक से नहीं होता तो सुबह में नियमित रूप से पके पपीते का सेवन करें। इससे भूख भी लगने लगेगी और पेशाब से संबंधित समस्या भी दूर हो जाएगी। पपीते के रस के सेवन से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। यह हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को भी दूर करता है। आइए आज दादी-नानी के नुस्‍खे में जानते हैं पपीते के औषधीय और आयुर्वेदिक गुण्‍ा और फायदे ।

पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है और खूनी बवासीर को भी ठीक करता है। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदाक होता है। पपीते के दस बीज पानी में पीस कर चौथाई कप पानी में मिला कर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। इसका एक हफ्ते तक नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए। बच्चा मां के दूध पर निर्भर रहता है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि मां को पर्याप्त दूध नहीं होता, जिससे बच्चा भूखा रह जाता है। कच्चे पपीते की सब्जी खाने से मां के दूध में वृद्धि होती है।

पीले रंग का फल पपीते का गुदा पेट की परेशानी जैसे कब्ज , अपच को दूर करता है ।

अगर किसी व्यक्ति को पीलिया होता है तो पपीता बहुत ही फायदेमंद होता है ।

पपीते मे पपेन नमक पदार्थ होता है जो भोजन को पचाने मे सहायक होता है ।

चेहरे को सुंदर बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है । पपीते को चेहरे पर लगाने से चेहरे पर मुहासे नही होते तथा यह चेहरे की झाइयो को भी कम करता है ।

हम सब हमेशा जवान रहना चाहते हैं पर कोइ भी ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाया है। फिर भी, स्वास्थय वर्द्धक आदतों जैसे एक पपीता रोजाना, की मदद से आप अपनी उम्र के मुकाबले अधिक युवा दिख सकते हैं। पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन सरीखे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो आपकी त्वचा को झुर्रियों से दूर रखते हैं।

पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता है, मोटापे को नियंत्रित करता है और अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं तो पपीते का रस उसे भी बंद कर देगा। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बना कर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।

पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन ठीक रहती है। यह पौरुष को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। अगर आप पपीता खाते रहते हैं तो आपको किसी कारण से होने वाला जख्म भी जल्द भरता है।

लगभग हर मौसम में सस्ते में ही मिल जाने वाला पपीता आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में भी करते हैं। त्वचा को ठंडक पहुंचाने वाला पपीता आंखों के नीचे के काले घेरे को दूर करता है। अगर आप कील-मुंहासों से परेशान हैं तो कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाएं और जब वह सूख जाए तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। उसके बाद मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। एक महीने तक नियमित रूप से ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा।

पपीते का उपयोग कई लोग प्रकृतिक ब्लीच के रूप मे भी करते है ।

पपीता आख के लिए भी हितकारी होता है इसमे विटामिन A प्रचुर मात्रा मे होता है जिससे रातोंधी नमक रोग नही होता साथ ही साथ आखो की रोशनी भी बढती है ।

पपीता दातों के लिए भी फायदेमंद होता है अगर दातों मे से खून आता है तो पपीता उसमे भी लाभकारी है ।

आज के दौर में ऐसे खाने से मुंह मोड़ना जो आपके पाचन तंत्र के लिए बुरा हो, लगभग असंभव है। कई बार हम ऐसा भोजन करने को मजबूर होते हैं जो या तो जंक फ़ूड की श्रेणी में आता है या अधिक तेल में पका होता है। रोज़ एक पपीते का सेवन कभी-कभार खाए ऐसे भोजन के साइड-इफेक्ट को दूर रखता है क्योंकि इसमें फाइबर के साथ-साथ पपैन नामक एक एंजाइम होता है जो आपकी पाचन शक्ति को दुरुस्त रखता है।

पपीता बवासीर रोग मे भी फायदेमंद है पपीता खाने से कब्ज नही होती तो बवासीर रोग मे भी लाभ होता है ।

पपीता मधुमेह रोगियों के लिए आहार के रूप में एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि स्वाद में मीठा होने के बावजूद इसमें शुगर नाम मात्र का होता है। साथ ही, वे लोग जो मधुमेह के मरीज़ नहीं हैं, इसे खाकर मधुमेह होने के खतरों को दूर कर सकते हैं।

डाइटिंग कर रहे व्यक्तियों के लिए तो पपीता राम बाण है । कई लोग जो डाइटिंग कर रहे है वह पपीते को अपने खाने मे शामिल करते है ।

पपीता साल मे 12 महीने मिलता है यह फल तथा सब्जी दोनों के रूप मे उपयोगी है ।

पपीते का उपयोग जेम तथा जेली बनाने मे भी किया जाता है ।

पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है जो आपकी रक्त-शिराओं में कोलेस्ट्रोल के थक्के नहीं बनने देता। कोलेस्ट्रोल के थक्के दिल का दौरा पड़ने और उच्च रक्तचाप समेत कई अन्य ह्रदय रोगों का कारण बन सकते हैं।

आपका प्रतिरोधक तंत्र आपको बीमार कर देने वाले कई संक्रमणों के विरुद्ध ढाल का काम करता है। केवल एक पपीते में इतना विटामिन सी होता है जो आपके प्रतिदिन की विटामिन सी की आवश्यकता का 200 प्रतिशत होता है। ज़ाहिर तौर पर ये आपके प्रतिरोधक तंत्र को मज़बूत करता है।

जिन लोगों का लक्ष्य अपना वज़न कम करना है उन्हें अपने आहार में पपीते को ज़रूर शामिल करना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। पपीते में मौजूद फायबर एक और जहां आपको तारो-ताज़ा महसूस करवाता है वहीं आपकी आँत की मूवमेंट को ठीक रखता है जिसके फलस्वरूप वज़न घटाना आसान हो जाता है।

पपीते में विटामिन ए भी प्रचुर मात्रा में होता है जो आपके आँखों की रोशनी को कम होने से बचाता है। कोई भी व्यक्ति उम्र बढ़ने की वजह से आँखों की रोशनी से मरहूम नहीं होना चाहता, और पपीते को अपने आहार में शामिल करके आप ऐसी मुसीबत से बाख सकते हैं।

गठिया वास्तव में एक ऐसी बीमारी है जो शरीर को बेहद दुर्बल तो करती ही है जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित भी करती है। पपीते खाना आपकी हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है, इनमें विटामिन-सी के साथ-साथ सूजन-रोधी गुण होते हैं जो गठिया के कई रूपों से शरीर को दूर रखता है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-सी युक्त भोजन न लेने वाले लोगों में गठिया का खतरा विटामिन-सी का सेवन करने वालों के मुकाबले तीन गुना होता है।

माहवारी के दर्द से गुज़र रही महिलाओं को अपने आहार में पपीता ज़रूर जोड़ना चाहिए क्योंकि पापिन नामक एंजाइम माहवारी के दौरान रक्त के प्रवाह को दर्द से दूर रखता है।

पपीता कोलेस्ट्रोल कम करने के साथ- साथ वजन कम करने में मदद करता है ।

पूरे दिन टूटकर काम करने के बाद घर लौटने पर अगर एक प्लेट पपीते खा लिए जाएं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इस कमाल के फल में आपको तनाव से दूर रखने की ताकत है। युनिवार्सिटी ऑफ़ अलाबामा के एक अध्ययन के मुताबिक़ 200 mg विटामिन सी स्ट्रेस हारमोन को संचालित करने में सक्षम होता है। पपीते में यह प्रचुरता में उपलब्ध होता है। पपीते के रस में शहद मिलाकर पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है ।

कच्चे पपीते का सेवन मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करता है ।

पपीते का सेवन करने से कब्ज जैसी बीमारी से भी छुटकारा पाया जा सकता है ।

पपीते में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को झुर्रियों से दूर रखते हैं । इसका सेवन करने से चेहरे में चमक आ जाती है ।

पपीते का सेवन करने से तनाव भी दूर होता है । हृदय रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है पपीता ।

पपीते का सेवन करना गठिया रोगियों और मधुमेह रोगियों के लिए आहार के रूप में एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है

पैरों में छाले होने पर कच्चे पपीते का रस लगाना चाहिए ।

पपीते के दस बीज पानी में पीस कर चौथाई कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। एक हफ्ते इसका नित्य प्रयोग करें।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए सुबह खाली पेट चार फांक पका हुआ पपीता दो-तीन महीने खाते रहें।

पपीते का दूध दाद पर लगाने से लाभ होता है।

तिल्ली व पीलिया में नियमित पपीता खाने से लाभ होता है।

सुबह पपीता खाकर दूध पीने से कब्ज दूर होता है। पपीता खाने से मूत्राशय के इंफेक्शन में भी फायदा मिलता है। हर प्रकार के बवासीर में पका हुआ पपीता नित्य खाने से लाभ होता है। पपीता खाने से पेशाब अधिक आती है।

जोड़ों के दर्द के रोगी पपीता नित्य खाएं। यह वात दर्द का शमन करता है। अपच, अम्लपित्त, प्लीहा (स्पिलीन) बढ़ जाये तो खाली पका हुआ पपीता स्वाद के लिए काली मिर्च, काला नमक, सैंधा नमक डाल कर कुछ सप्ताह खायें, पेट के रोगों में लाभ होगा।

यातायात में डीजल आदि के धुएं से वायुमंडल दूषित होता है। सांस लेने में दम घुटता है। पपीता के ताजे बीज रुमाल में रख कर सूंघते हुए यात्रा करें। ताजा बीज नहीं हो तो सूखे बीज पानी में भिगोकर काम में लें। पपीता खायें। पपीता प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाता है।

 

जिन महिलाओं और लड़कियों का मासिक धर्म अनियमित है, देर से या जल्दी आता है, मासिक स्राव में दर्द होता है। पपीते से सूखे बीज पीस कर आधा चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी से फक्की मासिक स्राव आने के एक सप्ताह पहले से आरंभ करके मासिक धर्म का स्राव बन्द होने तक दो तीन महीने लेते रहने से मासिक धर्म के दोष दूर होकर मासिक धर्म आने लगता है।

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