सिद्धू के बाद पंजाब भाजपा को दूसरा बड़ा झटका

पंजाब भाजपा

जालंधर(खुराना)। एक ओर पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब भाजपा के दिग्‍गज माने जाने वाले पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का राज्‍य सभा से व उनकी पत्‍नी नवजोत कौर का विधायक पद से इस्‍तीफा पंजाब भाजपा के लिए बड़ी हलचल है। वहीं दूसरी ओर जलंधर के 16 भाजपा पाषर्दों ने सामूहिक इस्‍तीफा देकर पंजाब भाजपा की विधानसभा की डगर को कठिन बना दिया है।

पिछले दिनों एफ. एंड सी.सी. की बैठक के दौरान सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया ने मेयर सुनील ज्योति को सरेआम चोर, डाकू तथा नशेड़ी जैसे शब्दों से सम्बोधित किया था। भाटिया द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग के कारण आज शहर की तथा अकाली-भाजपा गठबंधन की आपसी राजनीति उस समय गरमा गई जब भारतीय जनता पार्टी के 16 पार्षदों तथा अकाली दल के 9 पार्षदों ने मेयर सुनील के समर्थन में उतरते हुए सामूहिक त्यागपत्र दे दिए। भाजपा पार्षदों ने अपने त्यागपत्र मेयर सुनील ज्योति को सौंप दिए हैं और मेयर ने सभी इस्तीफे जिला भाजपा प्रधान रमेश शर्मा के हवाले करने की घोषणा की है। इसी बीच नगर निगम की डिप्टी मेयर अरविंद्र कौर ओबराय ने भी पद छोडऩे की घोषणा की और उनके समेत 9 अकाली पार्षदों ने पार्षद पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया।

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पार्षद पद से इस्तीफा देने वालों में भाजपा पार्षद अश्विनी भंडारी, मनजीत कौर, भगवंत प्रभाकर, मनजिंद्र सिंह चट्ठा, सुलेखा भगत, प्रेमलता विशिष्ठ, वीरेन्द्र शर्मा, सुमन सहगल, अर्जुन सिंह पप्पी, कमलजीत सिंह बेदी, कंचन शर्मा, सुदेश रानी, सत्या, दर्शन लाल भगत, कस्तूरी लाल भगत तथा जोगेन्‍द्र सिंह टोनी शामिल हैं। वहीं अकाली दल की ओर से अरविंद्र कौर ओबराय के अलावा जत्थेदार प्रीतम सिंह, गुरमेज कौर, रमिंद्र कौर ढींडसा, दविंद्र कौर, बलविंद्र कौर, जसपाल कौर नागरा, अमित ढल्ल, बलवीर सिंह ढिल्लों ने  त्यागपत्र देने की घोषणा की है।

भाजपा पार्षदों ने मॉडल टाऊन स्थित मेयर हाऊस में मेयर सुनील ज्योति के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से कहा कि कमलजीत सिंह भाटिया पिछले चार सालों से निगम की हाऊस व एफ. एंड सी.सी. की बैठकों में अपमानजनक और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते आए हैं। 31 मार्च को हुई हाऊस की बैठक और 15 जुलाई को हुई एफ. एंड सी.सी. बैठक में भाटिया ने मेयर के प्रति अत्यंत अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, जिससे भाजपा के पार्षदों और वर्करों के मन को ठेस पहुंची है। इससे गठबंधन की मर्यादा को ठेस पहुंचाई जा रही है। इन भाजपा पार्षदों ने कहा कि भाटिया की कारगुजारियों बारे अकाली हाईकमान को कई बार सूचित किया गया, परंतु उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। अब यह सारी बातें बर्दाश्त से बाहर हो चुकी हैं जिस कारण सामूहिक त्यागपत्र देने का फैसला लिया गया है। पंजाब चुनाव से ठीक पहले पार्षदों को सामूहिक रूप से त्‍यागपत्र भाजपा के लिए आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए शुभ संकेत नही हैं।

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भाटिया द्वारा मेयर प्रति की गई घटिया टिप्‍पणी से अकाली दल के पार्षद शर्म महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि लोगों ने उन्हें जिताकर सेवा करने का अवसर दिया परंतु भाटिया हमेशा गाली-गलौच और लड़ाई-झगड़े के कारण विकास में रुकावट बनते हैं।

अकाली पार्षदों ने कहा कि जब तक पार्टी हाईकमान कमलजीत भाटिया के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करता अकाली पार्षद निगम की किसी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

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