पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक की वजह से गयी एक और जान

मुश्किलों से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक की वजह से एक महिला की मौत हो गई. महिला की हार्ट अटैक से मौत हुई है. हालांकि बैंक में मृतक महिला भारती सदरंगानी का कोई खाता नहीं था. उनकी बेटियों का खाता था. उनकी बेटियों की पूरी जिंदगी की कमाई इस बैंक में थी. 2.25 करोड़ रुपए इनके पीएमसी बैंक में फंसे हुए थे. जिसकी वजह से वो चिंता में रहती थीं.

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक कीवजह से गयी एक और जान

इससे पहले कई और पीएमसी ग्राहकों की मौत हो चुकी है. 18 अक्टूबर को मुरलीधर आसनदास धारा नाम के शख्स की मौत हो गई. घरवालों की मानें तो पैसे नहीं होने की वजह से बुजुर्ग आसनदास का इलाज नहीं हो पाया और उनकी मौत हो गई.

इससे पहले इसी बैंक के दो और खाताधारकों संजय गुलाटी तथा फत्तेमल पंजाबी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है, जो बैंक में जमा अपने पैसों को लेकर बेहद चिंतित थे. संजय ने भी पीएमसी में 90 लाख रुपये जमा कर रखे थे, घोटाले की ख़बर सुनते ही उनके होश फाख्ता हो गए. वो चिंतित रहने लगे थे.

हो चुकीं हैं दो और मौतें-

संजय के बाद मुंबई के मुलुंद इलाके के रहने वाले फत्तेमल पंजाबी की बीते मंगलवार को मौत हो गई थी. वह बैंक के लिए घर से निकल रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

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तीसरी मौत 39 साल की एक डॉक्टर की हुई है, जो डिप्रेशन से जूझ रही थी और उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने आत्महत्या की है या नहीं. महिला का एकाउंट पीएमसी में था.

गौरतलब है कि पीएमसी बैंक के कुछ अधिकारियों पर प्राइवेट रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल से सांठगांठ कर उसे कर्ज देने का आरोप है. बताया जा रहा है कि इसके चलते बैंक को 4355 करोड़ रु का नुकसान हो गया है जिससे आम ग्राहक जरूरत के हिसाब से पैसा नहीं निकाल पा रहे और उन पर अपनी गाढ़ी कमाई खोने का खतरा मंडरा रहा है. अब बैंक के खाताधारक छह महीने की पाबंदी की अवधि में केवल 40 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं.

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