नीट 2019 में भी हुई गड़बड़ी, चार छात्रों के मार्क्सशीट और आंसरशीट बदलने के मिले सुबूत

नीट 2019 रिजल्ट में हेराफेरी करने के आरोप में चार छात्रों और उनके अभिभावकों के खिलाफ मामला दर्ज होगा। इन छात्रों ने फोटोशॉप के जरिये मार्क्सशीट व आंसरशीट में परिवर्तन किया और अपने अभिभावकों को दिखा दी।
नीट 2019

उन्होंने सच्चाई जाने बगैर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को ई-मेल के माध्यम से गलत और दो-दो मार्कशीट जारी करने सहित कॉपी सही न जांचने के आरोप लगा दिए। एनटीए ने क्यूआर से हेराफेरी पकड़ ली।

हर अभिभावक का सपना होता है कि उनका बच्चा इंजीनियर या डॉक्टर बनें। वह अपने सपने पूरे करने के लिए बच्चों पर इतना दबाव डालते हैं कि बच्चा कई बार गलत काम कर देता है। इसी दबाव में 17 वर्षीय छात्र अपनी मार्क्सशीट से ही छेड़छाड़ कर बैठे। इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में अभी तक इस तरह की धोखाधड़ी या हेराफेरी का यह पहला मामला है।

5 जून को देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस प्रोग्राम में दाखिला प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट नीट 2019 जारी हुआ था। उसके अगले ही दिन माता-पिता ने एनटीए प्रबंधन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को ई-मेल से शिकायत भेजी। इन शिकायत में उन्होंने एनटीए की फुलप्रूफ व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। यह छात्र दिल्ली, फरीदाबाद, कर्नाटक आदि स्थानों के रहने वाले हैं और नाबालिग हैं।

क्यूआर कोड के चलते रिजल्ट फुलप्रूफ

एनटीए प्रबंधन ने जेईई, यूजीसी नेट, नीट सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं के रिजल्ट को फुलप्रूफ बनाने के एक खास क्यूआर कोड का प्रयोग किया है। इसमें हर छात्र का अलग कोड है। छात्र को संबंधित प्रवेश परीक्षा के रिजज्ट में मिले अंक को इनक्रिप्ट करके एक खास कोड में परिवर्तित कर दिए गए थे, जिस कारण छात्रों की हेराफेरी पकड़ी गई। इसके अलावा एनटीए ने एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से एक फांट भी तैयार किया है, जिसे मार्क्सशीट व ओएमआर शीट में प्रयोग किया गया है।

केस 01 :
इसने 232180 को बनाया 23218 रैंक
छात्र को नीट परीक्षा में 232180 रैंक मिली थी। यानी की उसका पर्सेंटाइल 83.5 के आसपास था। छात्र ने फोटोशॉप के माध्यम से मार्क्सशीट में केमिस्ट्री व बायोलॉजी के अंकों में भी बदलाव कर दिया। इसके जवाब में एनटीए ने क्यूआर के जरिये हेराफेरी पकड़ ली और अभिभावकों को असली मार्क्सशीट ई-मेल कर दी।

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केस 02 :
छात्र ने ओएमआर शीट ही बदल दी
छात्र को नीट परीक्षा में 154 नंबर मिले थे, जिसे उसने 554 अंक कर दिया। ओएमआरशीट को फोटोशॉप में बदलकर एक ओर निकाल ली। ई-मेल में उसके माता-पिता ने सवाल उठाते हुए कहा कि एनटीए विशेषज्ञों ने ओएमआर शीट और मार्क्सशीट में अलग-अलग नंबर दिए हैं। हालांकि, यह सब हेराफेरी छात्र ने की थी। इसके जवाब में एनटीए ने उन्हें असली मार्क्सशीट व ओएमआरशीट की कॉपी भेज दी। असल कॉपी एनटीए के पास है। छात्र ने अपनी ओएमआरशीट में अलग फांट का प्रयोग किया, जबकि एनटीए अपना विशेष फांट इस्तेमाल करती है।

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