रोज नहाना करें बंद वरना हो जाएंगे इन बीमारियों का शिकार

नहाने की आदत इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है कि इंसान का मूड, तापमान, जलवायु, लिंग व सामाजिक दबाव है. भारत में धार्मिक वजहों इसके अलावा एक बड़ा कारण पानी की उपलब्‍धता भी है.

भारत में कई बार नहाने की वजह महज सामाजिक दबाव होता है. कई बार गंदा ना होने के बाद भी लोग घंटों बाथरूम या नहाने के स्‍थल पर पानी बहाते रहते हैं, जिसकी आवश्यकता कतई नहीं होती. एक हालिया सर्वे में पता चला कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग कहीं आगे हैं.

चूंकि भारत में अभी पानी का संकट उस स्तर का नहीं है, इसलिए इस विषय पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं गया है. लेकिन कई पानी बचाओ संगठन व एनजीओ जब-तब इस तरफ ध्यानाकर्षण किया करते हैं कि नहाने के ऊपर भारतीय कितना पानी बर्बाद करते हैं. लेकिन विदेशों में इस पर जमकर काम हो रहा है.

अमेरिका व पश्च‌िम के देशों के कई शोधों में यह साबित होता है कि रोजाना नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक है.

अमेरिकी विश्वविद्यालय द यूनिवर्सिटी ऑफ उतह के जेनेटिक्स साइंस सेंटर के एक अध्ययन के अनुसार, “ज्यादा नहाना हमारे मानव शरीर के सुरक्षातंत्र नुकसान पहुंचाता है. रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने वाली क्षमताएं कमजोर पड़ जाती हैं. खाना पचाने और उसमें से विटमिन व अन्य पोषक तत्वों को अलग करने की क्षमता भी प्रभावित होती है.”

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एलाइन लारसन ने एक अध्ययन किया था, “रोजना नहाने से स्‍कीन रूखी और कमजोर पड़ जाती है. इससे संक्रमण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ता है. इसलिए रोज नहीं नहाना चाहिए.”

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के त्वचा विज्ञान के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. सी ब्रेंडन मिचेल के अनुसार, “रोजाना नहाने से त्वचा से नैसर्गिक तेल हट जाता है. जबकि ये तेल शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं.”

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इस प्रोफेसर का दावा है, “रोजाना नहाना वाकई हानिकारक है. किसी शख्स को एक सप्ताह के दौरान अधिकतम दो बार नहाना चाहिए. ऐसा करने से शरीर को कई तरह फायदे होते हैं.”

टाइम मैगजीन से बातचीत के दौरान इसी प्रोफेसर ने कहा, “हमारा शरीर प्राकृतिक तेल की एक बहुत अच्छे डिजाइन की गई मशीन है. ज्यादा नहाकर इसका नुकसान किया जाता है. मेरी समझ से ज्यादातर लोग एक सीमा से ज्यादा नहाते हैं.”

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जापान के हेल्‍थ एंड रीसर्च इंस्टीट्यूट ने नहाने पर एक विस्‍तृत अध्ययन किया था. इसके मुताबिक, “रोजाना नहाने से ना केवल शारीरिक नुकसान होता है, बल्कि इसके गलत प्रभाव मानसिक स्वास्‍थ्य पर भी पड़ता है. हालांकि कई बार तापमान, जलवायु, मूड भी नहाने की आदत और इससे पड़ने वाले स्वास्‍थ्य पर प्रभाव का आकलन होता है. लेकिन एक अहम बात यह है शॉवर से नहाना ज्यादा हानिकारक साबित होता है.”

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