नई नौटंकी आई सामने ! ‘मिर्ची बाबा’ ने नहीं ली जल समाधि, अब कहा ये …

लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की हार होने पर समाधि लेने का दावा करने वाले बाबा वैराज्ञानन्द उर्फ मिर्ची बाबा ने रविवार को समाधि नहीं ली.

भोपाल स्थित बड़ा तालाब पर बाबा की जल समाधि देखने बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, लेकिन यहां पर पुलिस का पहरा था, पुलिस ने तालाब को अपने कब्जे में ले रखा था.

लिहाजा बाबा भोपाल में प्रकट तो हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें समाधि नहीं लेने दी. अब बाबा कह रहे हैं कि अगर उन्हें जल समाधि नहीं लेने दी गई तो वह अन्न जल त्याग देंगे.

बता दें कि मिर्ची बाबा ने भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के लिए 5 क्विंटल मिर्च से हवन किया था और कहा था कि दिग्विजय सिहं चुनाव जीत रहे हैं.

सिर्फ यही नहीं बाबा ने अतिउत्साह में ये भी दावा कर दिया था कि अगर दिग्विजय चुनाव में हार गए तो वह जल समाधि ले लेंगे.

हालांकि बाबा की उम्मीदों पर पानी फिर गया और दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए. दिग्विजय सिंह की हार के बाद से ही बाबा वैराज्ञानन्द उर्फ मिर्ची बाबा गायब हो गए थे.

तीन दिन पहले अचानक से उनके नाम से एक चिट्ठी भोपाल कलेक्टर के पास आई जिसमें बाबा वैराज्ञानन्द रविवार को 2 बजकर 11 मिनट पर जल समाधि लेने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी.

चिट्ठी मिलते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया था. रविवार को जैसे ही मिर्ची बाबा भोपाल पहुंचे उन्हें भोपाल पुलिस ने अपने घेरे में ले लिया और साये की तरह बाबा के साथ हो लिए.

बाबा ने जलसमाधि की बात कही थी लिहाजा भोपाल के तालाब को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. कई लोग बड़े तालाब पर बाबा की जल समाधि देखने भी पहुंच गए.

 

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भोपाल पुलिस मिर्ची बाबा को पुलिस एक होटल में ले गई और उन्हें वहीं नज़रबंद कर दिया. होटल में हाई वोल्टेज ड्रामा जारी रहा. बाबा की सुरक्षा में उनके कमरे से लेकर होटल के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया.

तेजी से भाग रही घड़ी की सुई ने 2 बजकर 11 मिनट का वक्त बताया. यानी की बाबा की जल समाधि लेने का समय आ चुका था. लोग होटल के बाहर इंतजार कर रहे थे, लेकिन बाबा बाहर नहीं निकले.

मिर्ची बाबा करीब 30 मिनट बाद 2 बजकर 40 पर मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इजाजत नहीं दी इसलिए उन्होंने समाधि नहीं ली. बाबा वैराज्ञानन्द ने कहा कि उनका संकल्प पूरा नहीं होने के पीछे स्थानीय पुलिस प्रशासन है जिसने उन्हें नजरबंद कर दिया.

बाबा ने कहा कि उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई लेकिन वो लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हालांकि दिग्विजय सिंह की हार से आहत बाबा अभी भी जिद पर अड़े हैं और बोल रहे हैं कि 20 जून को एक बार फिर समाधि लेने की इजाजत मांगेंगे और परमिशन नहीं मिलने पर अन्न-जल त्याग देंगे.

 

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