नई दवा ने मधुमेह से संबंधित दृष्टिहीनता के लिए जगाई आशा

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए मधुमेह से दृष्टिहीनता के मुख्य कारण रेटिनोपैथी से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए एक नई दवा विकसित की है। यह बीमारी तब होती है जब रेटिना में सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं से पानी या रक्तस्राव होता है। यह रक्त वाहिकाएं रोशनी का पता लगाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।

मधुमेह

लेजर सर्जरी या एंटी-वस्कुलर एंडोथिलियल ग्रोथ फैक्टर (वीईजीएफ) के आंख के इंजेक्शन सहित उपचार विकल्प हमेशा प्रभावी नहीं होते हैं या इसके परिणास्वरूप दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिसने वैकल्पिक चिकित्सीय दृष्टिकोण की जरूरत को रेखांकित किया है।

सिडनी स्थित सेंटेंरी इंस्टीट्यूट की एक टीम ने एक नोवल ड्रग सीडी5-2 विकसित किया है, जो क्षतिग्रस्त रक्त रेटिना बाधा में सुधार और वस्कुलर रिसाव को कम करने में मददगार होगा।

संस्थान के मुख्य शोधकर्ता का का टिंग ने कहा, “हमारा मानना है कि सीडी5-2 को एंटी-वीईजीएफ उपचार से ठीक होने में विफल रहने वाले मरीजों के इलाज में संभवत: एक थेरेपी के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसे मौजूदा एंटी वीईजीएफ उपचार के साथ संयोजन के रूप में कार्य में लाया जा सकता है ताकि उपचार की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके।”

टिंग ने कहा, “वर्तमान में सीमित उपचार विकल्प उपलब्ध होने से यह महत्वपूर्ण है कि हम मधुमेह के इन परिणामों के उपचार के लिए वैकल्पिक रणनीतियां विकसित करें।”

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सेंटेंरी के वस्कुलर बॉयोलोजी कार्यक्रम की प्रमुख प्रोफेसर जेनी गेंबल ने कहा, “इस दवा ने आंख और दिमाग में कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए एक अच्छा विकल्प दर्शाया है।”

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गेंबल ने कहा कि शोधकर्ता अब एक व्यापक क्लीनिकल ट्रायल करने की योजना बना रहे हैं।

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