पाकिस्तान ने उठाया साहसिक कदम, अब नहीं होगा धर्म परिवर्तन

धर्म परिवर्तनइस्लामाबाद। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विधायिका ने जबरन धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित किया है, जिसका पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने स्वागत किया है। आयोग ने अधिकारियों से कानून को सख्ती से लागू किए जाने का आग्रह किया है। मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

आयोग ने एक बयान में कहा, “सिंध अपराध कानून (अल्पसंख्यक संरक्षण) विधेयक को मंजूरी देकर सिंध विधानसभा ने धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा अक्सर जताई गई चिंता पर गौर किया है, खासतौर से हिंदुओं की चिंताओं का, जिनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है।”

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने सिंध विधानसभा के इस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें 21 दिन तक धर्म परिवर्तन के अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

आयोग ने कहा कि इस कानून में किशोरों की रक्षा का ध्यान रखा गया है, जो प्रशंसनीय है।

यह कानून सिंध प्रांत की विधानसभा द्वारा लाया गया है, जिसका वहां के धार्मिक राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के हिंदू समूह उन दलों का विरोध कर रहे हैं, जो इस कानून के खिलाफ हैं।

मालूम हो कि अधिकतर हिन्दू पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ही रहते हैं। पाकिस्तान में दशकों से अल्पसंख्यक हिन्दू और क्रिश्चन आदि उत्पीड़न सह रहे हैं। जो 2014 तक अत्यन्त गम्भीर स्तर पर पहुंच गया था।

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