दुष्कर्म मामले में गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सुनवाई 6 को

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री और विधानसभा चुनाव में अमेठी से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा अपनी संभावित गिरफ्तारी को रोकने के लिए दाखिल की गई याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर ली है। इस मामले की अगली सुनवाई छह मार्च को होगी।

बताया जा रहा है कि प्रजापति के वकीलों ने न्यायालय से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग नहीं की, जिसके बाद न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई छह मार्च नियत कर दी है।

प्रजापति सहित सात लोगों पर गौतमपल्ली थाने पर सामूहिक दुष्कर्म व पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल चित्रकूट की एक महिला ने आरोप लगाया है कि गायत्री प्रजापति और उनके साथियों ने सरकारी बंगले पर धोखे से उसे नशीला पदार्थ पिला दिया था। इसके बाद उसके साथ दुराचार किया गया। इन लोगों ने उसकी बेटी से भी दुराचार करने का प्रयास किया था।

महिला का आरोप है, “गायत्री प्रजापति ने उसका वीडियो भी बनाया था। इस वीडियो के सहारे ही उसे काफी समय तक ब्लैकमेल भी किया जाता रहा। वह कई अफसरों के पास भागी-दौड़ी पर उसकी प्राथमिकी नहीं लिखी गई। सात अक्तूबर, 2016 से वह रपट दर्ज कराने के लिए मशक्कत करती रही पर किसी ने सुनवाई नहीं की। इस पर उसने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली।”

इस मामले में बीते शुक्रवार सर्वोच्च न्यायालय ने प्रजापति पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिया था, जिसके बाद उप्र के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर शनिवार शाम थाना गौतमपल्ली में पॉस्को एक्ट के तहत गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश व आशीष शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

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