दादी-नानी के नुस्‍खे : तन-मन को ताकत देता है ये मेवा

दादी-नानी के नुस्‍खे में आज हम छुहारेे के चमत्‍कारी गुणों को जानेंगे। छुहारेे व खजूर एक ही पेड़ की देन है। इन दोनों की तासीर गर्म होती है और ये दोनों शरीर को स्वस्थ रखने, मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गर्म होने के कारण सर्दियों में तो इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है।

दादी-नानी के नुस्‍खे

छुहारेे पाचन शक्ति को मजबूत करता है। ठंड के दिनों में इसका सेवन नाड़ी के दर्द में भी आराम देता है। छुहारेे खुश्क फलों में गिना जाता है, जिसके प्रयोग से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है। शरीर को शक्ति देने के लिए मेवों के साथ छुहारे का प्रयोग खासतौर पर किया जाता है। छुहारे व खजूर दिल को शक्ति प्रदान करते हैं

ये दोनो शरीर में खून बढाते हैं। साइटिका रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष लाभ होता है। इसके सेवन से दमा रोगियों के फेफड़ों से बलगम आसानी से निकल जाता है। लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी छुहारा सहायता करता है।

दादी-नानी के नुस्‍खे : भूख बढाने में मदद करता है ये मेवा

भूख बढ़ाने के लिए छुहारे का गूदा निकाल कर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें। यह दूध बहुत पौष्टिक होता है। इससे भूख बढ़ती है और खाना भी पच जाता है। प्रदर रोग स्त्रियों की बड़ी बीमारी है। छुआरे की गुठलियों को कूट कर घी में तल कर, गोपी चन्दन के साथ खाने से प्रदर रोग दूर हो जाता है।

अगर आप पतले हैं और थोड़ा मोटा होना चाहते हैं तो छुहारेे आपके लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन अगर मोटे हैं तो इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें। जुकाम से परेशान रहते हैं तो एक गिलास दूध में पांच दाने खजूर डालें। पांच दाने काली मिर्च, एक दाना इलायची और उसे अच्छी तरह उबाल कर उसमें एक चम्मच घी डाल कर रात में पी लें। सर्दी-जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाएगा।

दमा की शिकायत है तो दो-दो छुहारे सुबह-शाम चबा-चबा कर खाएं। इससे कफ व सर्दी से मुक्ति मिलती है। घाव है तो छुहारे की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर उसका लेप घाव पर लगाएं, घाव तुरंत भर जाएगा।

 

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